पायोनियर ग्रुप के चेअरमेन डॉ. पी.के. जैन ने खुले सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि कभी आप स्वतंत्र रूप से सोचें कि आप अपने हिसाब से जिये कब। कभी आपने सोचा कि आज का दिन मैं अपने हिसाब से जिऊंगा। आपको एक दिन भी नहीं मिलता। मेरी मर्जी आए जब फोन कॉल रिसीव करुंगा, मेरी मर्जी होगी तब खाना खाऊंगा, मेरी मर्जी होगी तब सोऊंगा... बड़ी मुश्किल से कोई व्यक्ति मिलेगा आपको जो यह कहने की स्थिति में होगा कि मैंने आज का दिन मेरे हिसाब से जिया। हम बाहर की परिस्थितियों के कारण इतने पराश्रित हैंकि एक दिन भी अपने हिसाब से जी नहीं सकते।
अपने बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं। जितना आप अपने बच्चों के साथ बैठेंगे, क्वालिटी टाइम बिताएंगे उतनी समस्याएं कम होंगी। आम तौर पर हम बच्चों को डांटते हैं, उन्हें कोई न कोई काम सौंप देते हैं। क्या कभी उनके साथ फालतू बैठ कर यह जानने की कोशिश करते हैं कि उनकी क्या समस्याएं हैं। अगर आप उन्हें समय देंगे, उनसे बात करेंगे तो वो आपको बताएंगे कि क्या समस्याएं आ रही हैं। अगर आप उन्हें समय देंगे तो वो आपके साथ खुलेंगे, आपसे बातें करेंगे और अपनी हर बात शेअर करने की कोशिश करेंगे। इससे आपको उनकी समस्याएं जानने और उनका निराकरण करने का मौका मिलेगा।