निगम की दुकानों पर कब्जा

इंदौर। परदेशीपुरा में नगर निगम की दुकानों पर कब्जा होने लगा है। यहां रात में असामाजिक तत्व अपनी गतिविधियां संचालित करते हैं। लंबे समय से दुकानें अधूरी बनी पड़ी हैं। मामला न्यायालय में होने से दुकानदार और निगम ने ध्यान देना बंद कर दिया है। श्रमिक क्षेत्र परदेशीपुरा चौराहा से तीन पुलिया तक 20 वर्ष पहले निगम ने अवैध निर्माण व अतिक्रमण ध्वस्त कर दिए थे। जिन दुकानदारों को हटाया गया था, उन्हें नई दुकान बनाकर देने की बात निगम ने कही थी। अपने वादे के मुताबिक निगम में दुकान निर्माण शुरू कर दिया। इसी बीच समाज विशेष ने कुछ लोगों ने निर्माण को गलत बताते हुए कोर्ट में याचिका दायर कर दी। याचिका अभी भी लंबित है। उधर, इन दुकानों को भिखारियों व अन्य लोगों ने अपनी शरण स्थली बना लिया। अंतिम दुकान में एक व्यापारी ने पूजन सामग्री रख कर बेचना शुरू कर दिया है। उसने बकायदा बिजली कनेक्शन भी ले लिया है। यहां रहने वाले गंदगी करते हैं। शाम को दुकानों में शराब व कबाब का दौर चलता है। चूंकि, जमींदोज की गई अधिकांश दुकानें समाज विशेष की थीं। बताते हैं इस समाज के कुछ लोगों की दो नंबरी नेताओं से नाराजगी चल रही है। यही कारण है कि 20 साल से दुकानें यथावत बनी हुई हैं। सूत्रों की मानें तो जब तक विधानसभा क्षेत्र क्रमांक दो में भाजपा का दबदबा रहेगा, तब तक दुकानदारों को न्याय मिलना संभव नहीं है।