इंदौर। नगर निगम ने अब सफाई के अलावा त्यौहारी मौसम में पर्यावरण का ख्याल भी अपने ही अंदाज में रखने की ठान ली है। मंगलवार को निगम प्रांगण में पर्यावरण हितैषी कुंड में प्रतीकात्मक तौर पर गणेशजी का विसर्जन भी किया गया। हालांकि यह विसर्जन एक हद तक तो पर्यावरण को बचाने का संदेश दे रहा है, वहीं दूसरी ओर इस कुंड की गहराई में यदि देखा जाए तो कुंड अलग ही स्वरूप में नजर आएगा।
मंगलवार को इस कुंड की शुरूआत गणेश विसर्जन के पहले महापौर मालिनी गौड़ और जलकार्य समिति प्रभारी बलराम वर्मा ने की। इस साल गणेश विसर्जन के लिए 68 स्थानों को चिह्नित कर वहां कुंड रखे जा रहे हैं। इन कुंडों में मिट्टी की गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। महापौर ने शहर के नागरिकों से पर्यावरण को बचाने की अपील की। उधर इन कुंडों की लागत को लेकर सवाल उठना भी शुरू हो गए हैं। इन 68 कुंडों पर निगम ने 12 लाख 20 हजार रुपए की राशि खर्च की है। यानी निगम ने एक कुंड लगभग 17 हजार 947 रुपए में खरीदा है। एक कुंड की यह लागत इसलिए भी गले नहीं उतर रही है क्योंकि कुंड के आसपास लोहे के सरियों का ढांचा और उसके बीच में प्लास्टिक है जिसे कुंड बताया जा रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि एक कुंड पर निगम द्वारा इतनी बड़ी राशि खर्च क्यों की गई? जानकारों के मुताबिक कुंड की लागत इतनी नहीं है जितनी बताई जा रही है।
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