जनसुनवाई में नगर निगम पहुंचे लोग भटकते हुए वापस लौट

इंदौर। नगर निगम में प्रत्येक मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई के तहत हुई सुनवाई अनोखी रही। अधिकारी अपने-अपने कक्ष में बैठकर शिकायतकर्ताओं का इंतजार करते रहे। बमुश्किल कुछ शिकायतें सुनकर वे दूसरे कामों के लिए रवाना हो गए। 
हर मंगलवार को जिस कक्ष में जनसुनवाई होती थी वहां आज ताला लगा था। कक्ष के गेट पर जनसुनवाई प्रक्रिया में परिवर्तन संबंधी कोई सूचना तक नहीं लगाई गई थी। इससे वहां पहुंचे लोग परेशान होते रहे। कुछ लोग अधिकारियों के कक्ष तक पहुंचे भी तो उन्हें पूर्व की तरह आश्वासन देकर रवाना कर दिया गया। निगम परिसर में सूचना संबंधी बोर्ड नहीं होने से मार्केट विभाग, जनकार्य विभाग, कॉलोनी सेल आदि की शिकायतें लेकर आए लोग उलटे पैर लौट गए। दरअसल जनसुनवाई की प्रक्रिया में इस मंगलवार से परिवर्तन कर दिया गया। अब सभी अधिकारी एक कक्ष में बैठ कर सुनवाई करने की बजाए अपने-अपने कक्ष में सुनवाई करेंगे अर्थात शिकायतकर्ता को पहले यह तय करना होगा कि उसकी शिकायत कौन अधिकारी सुनेगा, फिर उसका कक्ष ढूंढना होगा और उसके बाद कक्ष के बाहर बैठ कर अपनी बारी आने का इंतजार करना होगा। इसके लिए उसकी मदद करने वाला कोई भी निगम परिसर में मौजूद नहीं था। पूर्व में होने वाली जनसुनवाई में सभी जोनों के अधिकारी, बीओ, बीआई, नर्मदा प्रोजेक्ट कके अधिकारी एक ही कक्ष में मौजूद रहते थे। जिन्हें शिकायतकर्ता के आग्रह पर अपर आयुक्त बुलाकर मौके पर निराकरण करने के निर्देश देते थे। अब वह स्थिति नहीं रही। कुल मिलाकर निगमायुक्त मनीषसिंह कलेक्टर निशांत वरवडे की तर्ज पर जनसुनवाई की प्रक्रिया को बदलना चाहते हैं लेकिन उसमें उन्हें सफलता हासिल होना मुश्किल लग रहा है।