इंदौर। भिक्षावृत्ति रोकथाम अभियान के तहत शहर के विभिन्न क्षेत्रों से पकड़े गए 25 बाल भिक्षुकों तथा उनके अभिभावकों की काउंसलिंग शासन की बाल कल्याण समिति करेगी। इसके बाद फैसला लिया जाएगा कि उक्त बच्चे कहां रहेंगे।
शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन भिक्षावृत्ति रोकथाम के लिए अभियान चला रहा है। बाणगंगा से लेकर सांवेर रोड तक 10 बच्चे भिक्षावृत्ति करते पकड़े गए थे। इन बच्चों को समिति के आदेश पर सागर बाल कल्याण संस्था में रखा गया है। इसके पहले अभियान में 13 बच्चों को विभिन्न स्थानों से पकड़ा गया। बाल भिक्षावृत्ति में पकड़े गए बच्चों की उम्र 14 वर्ष के आसपास है। अभियान निरंतर चल रहा है। इसके संचालन में महिला बाल विकास, पुलिस तथा चाइल्ड लाइन के दल संयुक्त रूप से शामिल हैं। बाल कल्याण समिति का कहना है कि बाल भिक्षावृत्ति में पकड़े गए सभी बच्चों के साथ उनके अभिभावकों की काउंसलिंग होगी। इसके बाद बच्चों की परवरिश संबंधी निर्णय होगा। अभियान रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, शहर के प्रमुख मंदिरों, दर्शनीय स्थलों व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर चलाया जा रहा है। अभियान में लगे दल को देखकर बाल भिक्षुक भागने लगते हैं। जिनको दौड़कर पकड़ना पड़ता है। दल को शिकायतें मिल रही हैं कि ये बच्चे बाजारों से सामान भी चुरा रहे हैं। रेलवे स्टेशन पर सामान्य बच्चे मूक-बधिर, अपंग होने का ढोंग कर भिक्षा मांग रहे हैं। पहले भी चाइल्ड लाइन ऐसे बच्चों को उनके माता-पिता के साथ पकड़ चुकी है।
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