इंदौर। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की 'भारत यात्रा' आज इंदौर पहुंची। यह यात्रा देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी कैम्पस से निकलकर भंवरकुआ होते हुए होलकर कॉलेज पहुंची। यात्रा में विद्यार्थीगण, राजनीतिक दलों के नेतागण सिविल सोसाइटी, धार्मिक व सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी, पीड़ित और अन्य लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। ये सभी लोग बच्चों के साथ होने वाले अन्याय, दुर्व्यवहार, बलात्कार और तस्करी के खिलाफ कैलाश सत्यार्थी के अभियान से जुड़े। होलकर कॉलेज में श्री सत्यार्थी ने बच्चों की तस्करी और बाल यौन दुर्व्यवहार जैसे उद्वलित करने वाले मुद्दे पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित किया।
'भारत यात्रा' कन्याकुमारी से 11 सितंबर को शुरू हुई थी और अब तक 22 में से 16 राज्यों की 11 हजार किलोमीटर की दूरी पूरी कर चुकी है। 16 अक्टूबर को नई दिल्ली में यात्रा का समापन होगा। यात्रा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूर्ण समर्थन प्राप्त है। कैलाश सत्यार्थी पिछले 36 सालों से दुनियाभर में बच्चों की स्वतंत्रता और के लिए अलख जगा रहे हैं। उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार (2014) भी इसी क्षेत्र में उनके निरंतर प्रयास और बाल अधिकारों के लिए संघर्ष के लिए दिया गया था। यह यात्रा बाल यौन शोषण और बलात्कार के खिलाफ तीन साल के अभियान की शुरूआत है। जिसका उद्देश्य जागरूकता बढ़ाने, मामलों की रिपोर्ट दर्ज करने, चिकित्सा स्वास्थ्य और मुआवजा प्रक्रिया को मजबूत बनाना है। परीक्षणों के दौरान पीड़ितों और गवाहों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करना और समयबद्ध तरीके से बाल यौन उत्पीड़न मामलों को हल करना है।
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