इंदौर। एयरपोर्ट के नजदीक रावण दहन का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में रहवासियों ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) दिल्ली मुख्यालय सहित राज्य शासन को भी शिकायत की है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि एयरपोर्ट के फनल एरिया में रावण दहन कैसे किया गया, जहां आमतौर पर बच्चों को क्रिकेट और फुटबॉल तक नहीं खेलने दिया जाता है और एयरपोर्ट के कर्मचारी उन्हें वहां से हटाने के लिए पहुंच जाते हैं।
एयरपोर्ट अधिकारियों ने एक नहीं कई बार जिला प्रशासन से कहा है कि एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्र में कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम होने पर एयरपोर्ट अथॉरिटी से अनिवार्य रूप से अनुमति ली जाए। इसके बावजूद आसपास की कॉलोनियों में विभिन्न कार्यक्रम होते रहते हैं। विमान एयरपोर्ट पर उतरने के पूर्व काफी नीचे आ जाते हैं, इस कारण एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा सतर्कता बरती जाती है लेकिन नियमों का पालन पूरे क्षेत्र में कहीं नहीं हो रहा है। नियमों के विपरीत नर्मदा की ऊंची टंकियां बनाई जा चुकी हैं। कई ऊंची इमारतें बन गईं। ऐसे मामलों में एयरपोर्ट अथॉरिटी ने भी कहीं कोई कार्रवाई नहीं की। बरसों पहले जब एयरपोर्ट के मुख्य द्वार के सामने वाला मार्ग खुला रहता था और वाहन सीधे बिजासन टेकरी की ओर जाते थे तब भी कई बार यह मुद्दा उठा था कि ओवरलोडेड ट्रकों से विमान के पहिए टकराने का खतरा रहता है क्योंकि एयरपोर्ट पर उतरते समय विमान काफी नीचे रहता है। आखिरकार इस मामले में कार्रवाई हुई और एयरपोर्ट परिसर के मुख्य द्वार के सामने वाला रास्ता बंद कर दिया गया जो अब भी बंद है। निर्माण कार्यों और विभिन्न सार्वजनिक कार्यक्रमों के आयोजनों के मामले में एयरपोर्ट अथॉरिटी से एनओसी लेने के मामले को न तो आम लोग गंभीरता से ले रहे हैं और न ही एयरपोर्ट अथॉरिटी इस मामले में गंभीर दिखाई दे रही है।
इस मामले में अभिभाषक प्रमोद द्विवेदी ने स्थानीय रहवासियों के साथ मिल कर एएआई दिल्ली और राज्य सरकार को शिकायत की है। उन्होंने कहा है कि एरोड्रम थाने के पीछे खाली पड़ी जमीन पर विजयादशमी पर 40 फीट ऊंचे रावण का दहन किया गया। इसके पहले जमकर आतिशबाजी की गई। इस क्षेत्र में रात्रिकालीन क्रिकेट मैच या किसी भी धार्मिक आयोजन को लेकर एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा आपत्ति ली जाती है और अनुमति नहीं दी जाती है लेकिन जनशक्ति नगर में हुए आयोजन को लेकर अथॉरिटी द्वारा कोई आपत्ति नहीं ली गई। क्या आतिशबाजी और रावण दहन के दौरान विमानों और यात्रियों को खतरा नहीं था? अभिभाषक द्विवेदी के अनुसार शिकायत में कहा गया है कि जहां रावण दहन किया गया वह क्षेत्र एयरपोर्ट के फनल एरिया में आता है। यहां तो एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा 32 फीट से ऊंचा मकान बनाने की अनुमति तक नहीं दी जाती है फिर 40 फीट ऊंचा रावण कैसे जल गया। किसी की निजी जमीन पर अथॉरिटी द्वारा कार्यक्रम के आयोजन की अनुमुति कैसे दी जा सकती है। फनल एरिया में बच्चे फुटबॉल या क्रिकेट मैच खेलते दिखाई देते हैं तब एयरपोर्ट अथॉरिटी के कर्मचारी उन्हें भगाने के लिए वहां पहुंच जाते हैं। इन्हीं सवालों के जवाब शिकायत में मांगे गए हैं। उधर आयोजकों का कहना है कि एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा रात्रि 10.30 बजे बाद दहन की अनुमति दी गई थी।
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