इंदौर। पांच दिवसीय दीपावली महापर्व का समापन शनिवार को भाईदूज पर्व के साथ हो गया। इसलिए बाहर के शहरों में नौकरी-व्यापार करने वाले युवक-युवतियां और परिवार रविवार को इंदौर से रवाना होंगे। इसके चलते मुंबई का सफर तो इस बार सबसे अधिक महंगा हो गया है।
जानकारी के मुताबिक इंदौर से प्रतिदिन चलने वाली अवंतिका एक्सप्रेस में यात्रियों को रविवार 22 अक्टूबर का आरक्षण नहीं मिल पाया है। कारण कि इस ट्रेन के आरक्षण उस दिन ही फुल हो गए थे, जिस दिन बुकिंग शुरू हुई थी। इसी कारण अब मुंबई की ओर जाने वाले लोगों को अन्य संसाधनों के माध्यम से जाना पड़ रहा है। इंदौर से मुंबई की ओर उड़ान भरने वाली सभी फ्लाइट भी रविवार को फुल है। इसलिए यात्रियों को अब निजी बसों की ओर कूच करना पड़ रहा है। बताते हैं कि बस संचालकों द्वारा किराए में काफी वृद्धि कर दी गई है। उनके द्वारा साढ़े तीन हजार या उससे अधिक की कीमत में एक टिकट दिया जा रहा है। पांच दिवसीय अवकाश के बाद सोमवार से वर्किंग शुरू हो रहा है। इसी कारण मुंबई में नौकरी-व्यापार करने वाले लोगों को इतनी महंगी राशि के टिकटों को लेना पड़ रहा है। शनिवार को दिनभर में बस संचालकों ने टिकटों की बिक्री कर के धड़ल्ले से कमाई की है। ज्ञात रहे कि सामान्य दिनों में साढ़े तीन हजार रुपए में फ्लाइट का टिकट आसानी से मिल जाता है। इस बार इतनी अधिक राशि में लोगों को बस का टिकट लेना पड़ रहा है।
खाली बसे लाए वहां से
मुंबई से शुक्रवार के बाद शनिवार को भी अधिकांश बसें बगैर यात्रियों के ही इंदौर पहुंची हैं। कारण कि बस संचालकों को वहां से इंदौर आने वाले यात्री नहीं मिले है। कुछ एक बसों में दो या तीन यात्री ही आए है। संचालकों को ज्ञात है कि इंदौर से मुंबई के लिए यात्री भरपूर मात्रा में मिलेंगे और उनसे भारी मात्रा में कमाई कर ली जाएगी।
टिकटों की बुकिंग नहीं होने दी
संचालकों द्वारा दीप पर्व के बाद कमाई की योजना बना ली गई थी। इसीलिए तो उन्होंने इस बार दो माह पहले से ही इंदौर-मुंबई रुट पर चलने वाली बसों के ई-टिकट की बुकिंग बंद कर दी थी। सामान्य तौर पर इंदौर से मुंबई का सफर स्लीपर कोच बसों में 600 से 800 रुपए के बीच ही रहता है। इसमें एसी बसों में यह किराया राशि 800 से 1000 तक रहती है।
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