इंदौर। शहर में ऐसा बड़ा वर्ग है जो लगातार कई वर्षों से आकाशवाणी और दूरदर्शन पर अनुबंध के आधार पर काम करता है। ये अपने बेहतरीन कामों की वजह से शहरों में नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसिद्ध हैं। आकाशवाणी की पहुंच ग्रामीण क्षेत्रों में काफी अच्छी है और इंदौर के मन की बात को दूर दूर तक सुनने वाले ढेरों श्रोता हैं।
इंदौर आकाशवाणी से गत 35 वर्षों से केवल मालवा व निमाड़ एवं पश्चिमी मध्यप्रदेश में प्रादेशिक समाचार एकांश के माध्यम से समाचार पहुंचाए जाते रहे हैं। केन्द्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर प्रादेशिक समाचार एकांश को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। इसके पहले दूरदर्शन को भी बंद करने की कवायद शुरू कर दी गई है। केंद्र सरकार ने आकाशवाणी व दूरदर्शन के अलग-अलग केंद्रों को आर्थिक आधार पर देखना आरंभ कर दिया है। जो केंद्र आर्थिक रुप से सक्षम नहीं हैं उन्हें राजधानी में ले जाने का निर्णय लिया गया। इस आदेश का विरोध हुआ और कई जगहों पर आम जनता व जनप्रतिनिधियों की पहल के कारण ऐसा भी हुआ है कि निर्णय वापस लेना पड़ा परंतु इंदौर में ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है। आकाशवाणी के माध्यम से ग्रामीण व आदिवासी क्षेत्र की जनता का सीधे रुप से जुड़ाव होता है।
जनप्रतिनिधि सोते रह गए
इस मामले पर जनप्रतिनिधियों को भी पहले श्रोता संघों के माध्यम से जानकारी दी गई परंतु जनप्रतिनिधियों ने कोई भी संज्ञान ही नहीं लिया। इसका परिणाम यह हुआ है कि इंदौर से यह सुविधा छीन ली गई है।
क्या दूरदर्शन केंद्र इंदौर भी बंद होगा?
कहा यह भी जा रहा है कि दूरदर्शन केंद्र इंदौर को भी बंद किया जा सकता है। दूरदर्शन केंद्र इंदौर पर ग्रामीण परिवेश पर आधिरित कार्यक्रम बनते थे इसके अलावा शिक्षाप्रद कार्यक्रमों का निर्माण भी होता था जो कि किसी भी अन्य केंद्र पर नहीं बनते हैं। अगर दूरदर्शन केंद्र इंदौर बंद कर दिया गया तब यह प्रदेश के सबसे बड़े शहर के लिए शर्मिंदा करने वाली बात होगी। जनप्रतिनिधियों का इधर भी ध्यान नहीं है।
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