इंदौर। शहर की एक बड़ी कॉलोनी तुलसी नगर के नियमितीकरण को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आदेश का पालन नहीं होने से रहवासी परेशान हैं। उन्हें कई तरह की दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री की घोेषणा के बाद वे अधिकारियों से कई बार मिले लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब रहवासी 19 दिसंबर को एक बार फिर मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे।
तुलसी नगर के नियमितीकरण की प्रक्रिया में हो रहे विलम्ब के मद्देनजर रविवार को तुलसी नगर रहवासी संघ द्वारा बैठक आयोजित की गई। जिसमें रहवासियों ने कॉलोनी के नियमतिकरण का मामला प्रदेशस्तर पर उठाने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री द्वारा तुलसी नगर के शीघ्र नियमितीकरण का आश्वासन देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने पर रहवासियों ने रोष व्यक्त किया। इस वर्ष की शुरूआत में नगर निगम द्वारा तुलसी नगर को अवैध घोषित कर दिया गया था। इसके बाद रहवासियों ने कई बार संबंधित अधिकारियों से मिलकर उन्हें भूखंडों की रजिस्ट्री तथा मकानों के नक्शों के पास होने की प्रक्रिया पर लगी रोक हटाने की मांग की लेकिन उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। इसी वर्ष जनवरी में रहवासी संघ का प्रतिनिधिमंडल विधायक महेंद्र हार्डिया एवं पार्षद संजय कटारिया के नेतृत्व में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से मिला था। मुख्यमंत्री को समस्याओं से अवगत कराते हुए कॉलोनी के शीघ्र नियमितीकरण की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया था कि समस्याओं की शीघ्र दूर कर नियमितीकरण कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि रहवासी अपनी कॉलोनी को अवैध नहीं वैध मानें।
इस बीच जिले के वर्तमान कलेक्टर निशांत वरवड़े के साथ तुलसी नगर रहवासी संघ की रेसीडेंसी कोठी में बैठक भी हुई थी। जिसमें तुलसी नगर सहित शहर के अन्य अवैध कालोनियों के नियमितीकरण को लेकर चर्चा की गई थी। बैठक में कहा गया था कि तुलसी नगर के लिए दो-तीन विभागों के अनापत्ति पत्र शीघ्र ही मिलने वाले हैं उसके बाद नियमितीकरण कर दिया जाएगा। इसके बाद महीनों बीत गए लेकिन कोई निर्णय नहीं हो पाया। तुलसी नगर रहवासी संघ के राजेश तोमर, शम्भुनाथ सिंह, केके झा, कीर्ति राणा, संजय यादव, सुनील पाण्डे ने कहा कि बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार संघ का प्रतिनिधिमंडल विधायक महेंद्र हार्डिया एवं पार्षद संजय कटारिया की अगुवाई में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से 19 दिसंबर को शाम 4 बजे एयरपोर्ट पर मिलेगा और उन्हें ज्ञापन सौंप कर शासन स्तर पर यथाशीघ्र अंतिम निर्णय लेने का आग्रह किया जाएगा।
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