इंदौर। शहर कांग्रेस कार्यालय में 25 दिसंबर को जबर्दस्त शक्ति प्रदर्शन देखने को मिल सकता है। इस दिन कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के लिए आने वाले हैं। प्रदेश प्रभारी बनने के बाद यह उनका पहला दौरा है।
गुजरात में कांग्रेस की सीटें बढ़ने के बाद कार्यकर्ताओं में उत्साह है लेकिन वे इसे प्रदर्शित नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि प्रदेश कांग्रेस में लंबे समय से नेतृत्व परिवर्तन की बात चल रही है और उसका असर शहर में भी नजर आ रहा है। शहर कांग्रेस के पदाधिकारियों की सक्रियता इतनी नहीं है कि उनके बुलावे पर कार्यकर्ता एकत्र हो जाएं। पदाधिकारियों द्वारा सैकड़ों बार कहने के बावजूद महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि पर होने वाले समारोहों में मुट्ठीभर कांग्रेस नेता ही जुट पाते हैं। गांधी भवन में लंबे समय से कोई बड़ा कार्यक्रम भी नहीं हुआ है। वर्ष 2017 की यह अंतिम लेकिन महत्वपूर्ण बैठक होगी क्योंकि इसी बैठक के साथ वर्ष 2018 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए इंदौर में तैयारियां शुरू हो जाएंगी। हालांकि टिकट बंटने तक कई उतार-चढ़ाव भी आएंगे।
प्रदेश प्रभारी बाबरिया गांधी भवन में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव की तैयारियों का पाठ पढ़ाएंगे। गांधी भवन में जब भी कोई बड़ा नेता पाठ पढ़ाने आता है तो वह स्थानीय नेताओं की गुटबाजी देख कर पाठ भूल कर उन्हें समझाने में ही पूरी शक्ति लगा देता है। बाबरिया के सामने भी जबर्दस्त शक्ति प्रदर्शन की तैयारियां की जा रही हैं। इसके पहले प्रदेश के सह प्रभारी संजय कपूर भी गांधी भवन में पाठ पढ़ाने पहुंचे थे लेकिन उनके सामने भी इतना जबर्दस्त शक्ति प्रदर्शन हुआ था कि नेता वाक्युद्ध कर रहे थे और कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए थे। जिन नेताओं ने विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रखी है वे तो बाबरिया के समक्ष शक्ति प्रदर्शन करेंगे ही लेकिन कुछ ऐसे गुट भी होंगे जो इन नेताओं के विरोध में शक्ति प्रदर्शन करते नजर आएंगे। कुल मिला कर प्रदेश संगठन जब तक ऐसे नेताओं को अनुशासन का पाठ नहीं पढ़ाएगा तब तक गांधी भवन शक्ति प्रदर्शन के शोर से गूंजता ही रहेगा।
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