इंदौर। स्वच्छता के मामले में लगातार दूसरी बार देश में नंबर वन का दर्जा हासिल करने के लिए नगर निगम प्रशासन जुटा हुआ है। दिन-रात यही चिंता सता रही है कि सर्वेक्षण में कहीं नंबर कम न हो जाएं। इस कारण अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज गिर रही है।
निगमायुक्त मनीष सिंह ने शहर के सभी 19 झोनों के झोनल अधिकारियों से कहा है कि स्वच्छता सर्वेक्षण के चलते शहर के सभी सार्वजनिक टॉयलेट्स बिलकुल साफ रहें। महापौर मालिनी गौड़ भी शहर में निकलते ही सबसे पहले सफाई पर ध्यान दे रही हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण में अधिकारी इतने व्यस्त हो गए हैं कि सड़कों पर थूकने वालों के चालान तक नहीं बनाए जा रहे हैं जबकि यह अभियान जोर-शोर से शुरू किया गया था। अब पार्षदों तक से फीडबेक मांगा जा रहा है कि उनके वार्ड में गंदगी तो नहीं है। हाल ही में झोन क्रमांक 19 में किसी ने शिकायत की कि कम्युनिटी टॉयलेट्स में सफाई नहीं हुई है। बस फिर क्या था, झोनल अधिकारी की शामत आ गई। पहले उसे खूब डांट पड़ी। इसके बाद निगमायुक्त पहुंच गए वहां निरीक्षण करने और फिर झोनल अधिकारी सुधीर गुल्वे को निलंबित कर दिया। इससे अन्य सभी झोनल अधिकारी सहम गए हैं और उन्हें अब यह भय लग रहा है कि सर्वेक्षण पूरा होने के पहले ही उनमें से किसी और पर गाज न गिर जाए। निगम प्रशासन द्वारा सफाई को लेकर किए जा रहे प्रयासों से आम जनता खुश है लेकिन साथ ही यह सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या दूसरी बार पुरस्कार मिलने के बाद भी सफाई व्यवस्था इतनी ही सख्ती से जारी रहेगी?
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