इंदौर। इंदौर का नाम नमकीन व कपड़ा व्यापार के अलावा अब गुलाब की खेती के रूप में भी पहचाना जाने लगा है। इंदौर के आसपास 20 से अधिक पॉली हाउस में गुलाब की खेती की जा रही है। वैलेंटाइन डे पर औसतन 1 करोड़ से अधिक राशि के गुलाब इंदौर से सप्लाय किए जाते हैं।
पॉली हाउस के माध्यम से स्थानीय लोगों को बेहतर किस्म के फूल प्राप्त हो रहे हैं। साथ ही किसानों की आय में भी 10 गुना तक वृद्धि हुई है। इंदौर में इसके पहले गुलाब के फूल पुणे से इंदौर मंगाए जाते थे। अर्जुन बड़ोदा और अन्य गांवों में किसानों द्वारा पॉली हाउस में गुलाब की खेती की जा रही है। पॉली हाउस के लिए एनएचबी और एनएचएम द्वारा लागत की 50 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में दी जा रही है। चार से पांच हेक्टेयर कृषि भूमि पर पॉली हाउस बनाने वाले किसानों को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा पॉली हाऊस और नेट हाऊस के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है।
किसानों के अनुसार एक पॉली हाउस के निर्माण में करीब 40 लाख रुपए की लागत आती है। इसमें से आधी राशि अनुदान के रूप में मिल रही है। मल्टी कल्टीवेशन और दवाइयों के लिए अलग से सिस्टम लगाया है और उस पर भी अनुदान मिला है। एक किसान ने बताया कि शुरूआत में उसने पॉली हाउस में पहले शिमला मिर्च की खेती की। उससे हुई आय से गुलाब की खेती प्रारंभ की गई। प्रतिदिन 2 हजार गुलाब के फूल बाजार में बिकने के लिए भेजे।
किसान सुमित यादव के अनुसार पांच वर्षों से वे पॉली हाऊस में गुलाब की खेती कर रहे हैं। वे इजराइल और फ्रांस का दौरा भी कर चुके हैं। वहां हाइड्रोपोनिक पॉली हाउस मल्टी कल्टीवेशन अध्ययन किया। अब उन्होंने पूरी तरह खेती को रोजगार के रूप में अपनाया है। वे दो करोड़ के पॉली हाउस में गुलाब की खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वेलेंंटाइन डे पर गुलाब की कीमत 10 गुना तक बढ़ जाती है और एक फूल 10 से 15 रुपए तक बिकता है। प्रतिदिन 2 हजार से अधिक फूल पॉली हाउस से प्राप्त होते हैं। वेलेंटाइन डे से पहले इन्हें कोल्ड स्टोरेज में संग्रह कर वैलेंटाइन डे से दो दिन पूर्व बाजार में भेजा जाता है। औसतन 15 से 25 हजार फूल वैलेंटाइन डे पर उपलब्ध रहेंगे, जिनकी औसत कीमत 2 से 3 लाख रुपए मिलती है। इन फूलों को एक सप्ताह तक गुलदस्ते में रखा जा सकता है।