इंदौर। प्रशासन ने तय किया है कि महिला संबंधी अपराधों में लिप्त लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस, आर्म लाइसेंस व अन्य किसी प्रकार का लाइलेंस हो तो वह सभी निरस्त किए जाएंगे। इसके लिए सभी संबंधित विभाग संयुक्त रूप से अभियान चलाएंगे।
कलेक्टर कार्यालय में हुई अंतरविभागीय समन्वय बैठक में यह जानकारी दी गई। बैठक में कलेक्टर निशांत वरवड़े और डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र भी मौजूद थे। बैठक में अंतरविभागीय समन्वय से संबंधित मामलों पर चर्चा की गई। इस बार पुलिस विभाग से संबंधित मुद्दों पर विशेष चर्चा हुई। बैठक में बताया गया कि ट्राफिक पुलिस व आरटीओ द्वारा संयुक्त कार्रवाई कर ऐसे लोगों को पकड़ा गया जो शराब पीकर वाहन चला रहे थे। ऐसे डेढ़ हजार लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त कराए गए हैं। महिलाओं से संबंधित अपराधों में आरोपित व्यक्तियों के ड्राइविंग लाइसेंस, आर्म्स लाइसेंस व अन्य प्रकार के लाइसेंसों को निरस्त करने कार्रवाई के लिए भी विशेष अभियान चलाने के निर्देश पुलिस, आरटीओ, जिला महिला सशक्तिकरण व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए गए। महिलाओं के पिंक लाइसेंस बनाने के कार्य की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
सीएम हेल्पलाइन के प्रकरण
300 दिनों से लंबित
बैठक में अधिकारियों ने यह जानकारी भी दी कि सीएम हेल्पलाइन के कई प्रकरण 300 से भी अधिक दिनों से लंबित हैं। कलेक्टर ने ऐसे प्रकरणों की रेंडम आधार पर समीक्षा की गई। कलेक्टर ने कहा कि प्राथमिकता से इन प्रकरणों का निराकरण करें। लोक सेवा गारंटी प्रदाय अधिनियम के तहत विभागवार समीक्षा की गई। नगर पालिका देपालपुर का एक प्रकरण समायावधि के बाद भी निराकृत नहीं होने पर नपा के सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
नगर निगम तेजी लाए
कलेक्टर ने स्वरोजगार योजनाओं की भी समीक्षा की। इसमें नगर निगम की गति धीमी पाई जाने पर निगम प्रशासन को इस पर विशेष ध्यान देने तथा प्रगति लाने हेतु तेजी से प्रयास करने के लिए कहा गया।