इंदौर। इंदौर संभाग के बस संचालकों ने मांग की है कि बसों का किराया बढ़ाया जाए। यदि शासन ने मांग नहीं मानीं तो 17 फरवरी को बसें नहीं चलने दी जाएंगी। इंदौर संभाग बस आॅनर्स एसोसिएशन द्वारा संभागायुक्त को इस संबंध में ज्ञापन भी सांैंपा गया है। जिसमें कहा गया है कि यह सांकेतिक हड़ताल होगी। यदि इसके बाद भी मांगें नहीं मनी गर्ईं तो पूरे प्रदेश में बेमियादी हड़ताल की जाएगी। बस संचालकों का कहना है कि वर्ष 2014 में किराया बढ़ाया गया था उसके बाद से स्थितियों में काफी बदलाव आ चुका है। बसों के संचालन की लागत बढ़ चुकी है और मुनाफा घटता जा रहा है। डीजल के दाम कई गुना बढ़ चुके हैं और लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। बसों के पुर्जों की कीमतें भी बढ़ चुकी हैं। बस संचालकों की मानें तो बस संचालन की लागत वर्ष 2014 की तुलना में 40 प्रतिशत बढ़ चुकी है। इसलिए अब पुराने किराए पर बसें चलाना संभव नहीं है। 17 फरवरी को होने वाली हड़ताल के दौरान इंदौर संभाग में कोई बस नहीं चलेगी। साथ ही बाहर से आने वाली बसों को भी संभाग में नहीं घुसने दिया जाएगा। बस संचालकों के अनुसार सरकार द्वारा जिलास्तर पर नई कंपनी बना कर बसें चलाई जाने वाली हैं। इस कारण सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। पूरे प्रदेश में हजारों लोगों की रोजी-रोटी बसों के संचालन से जुड़ी हुई है। सरकार ने यदि ध्यान नहीं दिया तो पूरे प्रदेश में बसों का संचालन बंद करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचेगा। दो सालों से बस संचालक परिवहन मंत्री से मुलाकात कर इस मामले का समाधान निकालने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन परिवहन मंत्री इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसलिए अब हड़ताल का रास्ता ही शेष बचा है।