इंदौर। हाईकोर्ट से लेकर जिला कोर्ट, तहसील कोर्ट, श्रम न्यायालय, कुटुम्ब न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें 2.86 लाख से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा।
विभिन्न न्यायालयों में लंबित चेक बाउंस के मामले, बैंक रिकवरी के मामले, एमएसीटी प्रकरण (मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा), वैवाहिक विवाद से संबंधित मामले, भूमि अधिग्रहण, सेवानिवृत्त संबंधी लाभों से संबंधित मामले लोक अदालत में प्रस्तुत किए जाएंगे। विद्युत बिल एवं जलकर संबंधी मामलों का निराकरण भी किया जाएगा। पक्षकार आपसी समझौते में प्रकरणों का निराकरण कराएंगे। वे पक्षकार जिनका प्रकरण किसी भी न्यायालय में लम्बित है वे भी लोक अदालत में आपसी समझौते से प्रकरण का निराकरण करा सकेंगे।
बिजली कंपनी, नगर निगम, बैंक आदि विभागों द्वारा लोक अदालत के लिए जो छूट प्रस्तावित की गई है वह 10 फरवरी के बाद नहीं मिलेगी। नेशनल लोक अदालत के लिए विभिन्न प्रकार के प्रीलिटिगेशन स्तर के 1 लाख 25 हजार 291 प्रकरण एवं न्यायालयों में लम्बित 1 लाख 61 हजार 141 प्रकरण (न्यायालय द्वारा रेफर किए गए) इस प्रकार लगभग 2 लाख 86 हजार 432 राजीनामा योग्य प्रकरणों को निराकरण के लिए प्रस्तुत किया जा चुका है।