इंदौर। इंदौर-उज्जैन फोरलेन पर सफर अब आरामदायक नहीं रह गया है। टोलटैक्स चुकाने के बावजूद वाहन हिचकोले खाते हुए चल रहे हैं। टोल टैक्स वसूलने वाली कंपनी द्वारा मार्ग का ठीक ढंग से मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा है। मप्र रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआरडीसी) के लचर रवैये के कारण सड़क की स्थिति सुधर नहीं पा रही है।
टोल टैक्स तभी वसूला जा सकता है जबकि कंपनी द्वारा रोड का मेंटेनेंस सही तरीके से किया जा रहा हो लेकिन इंदौर-उज्जैन फोरलेन के मामले में ऐसा नही है। सिंहस्थ के बाद से मार्ग की हालत लगातार खराब होती जा रही है। इस मार्ग का ठेका महाकालेश्वर टोलवेज प्राइवेट लिमिटेड के पास है। सिंहस्थ बीतने के कुछ माह बाद ही सड़क पर गड्ढे नजर आने लगे। धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ती गई और साथ ही लोगों की परेशानी भी। जब लोगों ने आपत्ति ली तो एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने कहा कि हमने टोल कंपनी को पत्र लिख कर सड़क सुधारने के निर्देश दिए हैं लेकिन सड़क नहीं सुधरी। एमपीआरडीसी ने टोल टैक्स वसूली रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। अंतत: जनहित याचिका के माध्यम से मामला कोर्ट तक पहुंचा तब टोल कंपनी ने पेचवर्क की शुरूआत की। पेचवर्क अब भी चल रहा है। अब एमपीआरडीसी को सुध आई कि मार्ग कर करीब पंद्रह किलोमीटर के हिस्से में सड़क ज्यादा खराब है और वहां पेचवर्क से काम नहीं चलेगा इसलिए डामरीकरण कराना होगा। सड़क के यह हिस्से धरमपुरी, सांवेर और पंथ पिपलई में हैं। एक बार फिर एमपीआरडीसी की ओर से टोल कंपनी को पत्र लिख कर अधिकारियों ने अपनी नौकरी सुरक्षित कर ली है ताकि कोई कानूनी कार्रवाई शुरू होने पर पत्र प्रस्तुत किया जा सके। इस बार भी एमपीआरडीसी ने टोल कंपनी को कोई समयावधि नहीं दी है और न ही चेतावनी दी है कि यदि कार्य पूरा नहीं किया गया तो टोल वसूली का अधिकार छीन लिया जाएगा। इससे स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में फोरलेन की दशा और खराब होने वाली है