नई दिल्ली। निवर्तमान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा है कि देश के मुस्लिमों में बेचैनी का अहसास और असुरक्षा की भावना है। उपराष्ट्रपति का दूसरा कार्यकाल आज पूरा हो रहा है। राज्यसभा टीवी पर दिए इंटरव्यू में अंसारी ने कहा कि उन्होंने असहनशीलता का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कैबिनेट सहयोगियों के सामने भी उठाया है। भीड़ द्वारा लोगों को पीट-पीटकर मार डालने की घटनाओं, घर वापसी का हवाला देते हुए उन्होेंने कहा कि भारतीय मूल्यों के बेहद कमजोर हो जाने और कानून लागू करा पाने में विभिन्न स्तरों पर अधिकारियों की योग्यता चरमरा जाने के कारण यह सब हो रहा है। इससे भी ज्यादा परेशान करने वाली बात किसी नागरिक की भारतीयता पर सवाल उठाया जाना है। यह पूछे जाने पर कि क्या वे इससे सहमत हैं कि जिस तरह के बयान मुस्लिम समाज के लोगों के खिलाफ दिए जा रहे हैं, उससे वे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, अंसारी ने कहा कि यह आकलन सही है। मैंने बेंगलुरु और देश के अन्य हिस्सों में भी यह बात सुनी। मैं इस बारे में उत्तर भारत में ज्यादा सुनता हूं। बेचैनी का अहसास है और असुरक्षा की भावना घर कर रही है। तीन तलाक के मुद्दे पर अंसारी ने कहा कि यह एक सामाजिक विचलन है, कोई धार्मिक जरूरत नहीं। उन्होंने कहा कि अदालतों को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए क्योंकि सुधार समुदाय के भीतर से ही होंगे। कश्मीर मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक समस्या है और इसका राजनीतिक समाधान ही होना चाहिए।
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