सिलीगुड़ी। दार्जिलिंग क्षेत्र में अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के 60 दिन पूरे हो गए हैं। राज्य, केंद्र सरकार तथा आंदोलन का नेतृत्व कर रहे गोरखलैंड जनमुक्ति मोर्चा के बीच गतिरोध कायम है। आंदोलन से इस पर्वतीय क्षेत्र सहित उत्तर बंगाल की अर्थव्यस्था लड़खड़ा गई है। क्षेत्र का पर्यटन उद्योग चौपट हो चका है। पश्चिम बंगाल, सिक्किम व पूर्वोत्तर राज्यों में इस आंदोलन से करीब 1 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। आंदोलन में 9 लोग मारे गए हैं तथा सैकड़ों घायल हुए हैं। विधानसभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दिए गए बयान के अनुसार आंदोलन, हिंसा और आगजनी की वजह से अब तक 550 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। पर्यटन कारोबार के साथ ही दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, एनबीएसटीसी की बस सेवावन-बांग्ला आदि को जलाने के कारण हुआ नुकसान भी इसमें शामिल है। दार्जीलिंग व कालिम्पोंग में गोरखा जनमुक्ति मोरचा के आह्वान 12 जून से पूरा क्षेत्र बंद है। स्कूल-कॉलेज, बाजार, दुकान तथा 93 चाय बागान बंद हैं। चाय श्रमिकों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है। अब तक आंदोलनकारियों ने 54 वाहन, पंचायत औरा परिवहन आॅफिस, दमकल केंद्र, विद्युत केंद्र सहित 13 सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है। हिंसा में 113 सरकारी कर्मी घायल हुए हैं।
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