पुणे। किसी भी टैक्स की वसूली के लिए बकायादार के घर जाकर बैंड-बाजे या ढोल बजा कर उसे शर्मसार करने की कोशिश करना गैर कानूनी है। रिटायर्ड न्यायिक दंडाधिकारी ने यह तथ्य पुणे नगर निगम के समक्ष रखा है और टैक्स वसूली की इस प्रक्रिया को तुरंत बंद करने के लिए कहा है ।हाल ही में पार्षद बने एनसीपी के एडवोकेट भैयासाहब जाधव ने यह तथ्य सामने रखा है। जाधव रिटायर्ड न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणक्ष) हैं। उन्होेंने कहा है कि एक्ट के मुताबिक रिकवरी के अन्य तरीके भी मौजूद हैं। प्रॉपर्टी टैक्स की रिकवरी के लिए बैंड-बाजा बजाना पूरी तरह से गैरकानूनी है। नगर निगम इसे जल्द-से-जल्द बंद कर दे। अगर इस प्रक्रिया से किसी को स्वास्थ्य संबंधी कोई दिक्कत होती है तो क्या उसकी जिम्मेदारी नगर निगम लेगा?जाधव का तर्क है कि किसी भी नागरिक को अपमानित करने का हक नगर निगम को नहीं है। निगम इस प्रकिया को कई सालों से अमल में ला रहा है लेकिन अब इसे बंद करने का समय आ गया है। जाधव ने इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। प्रॉपर्टी टैक्स विभाग ने आपत्ति को स्टैंडिंग कमेटी के समक्ष रखा है। जाधव के अनुसार उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों से इस बारे में कानूनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए भी कहा है लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला।बैंड बजाने पर 25 लाख का खर्चइस साल भी बकायादारों के घर जाकर बैंड बजाने के लिए नगर निगम द्वारा 25 लाख रुपए का टेंडर निकाला गया है। इसका विरोध करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता विवेक वेलंकर ने कहा है कि यह गैरकानूनी है और अगर निगम इसे बंद नहीं करता तो वे इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। कानूनन वैध नियमों से बकाया वसूली करने की बजाए निगम गैरकानूनी ढंग से अन्य एजेंसियों की मदद से वसूली का प्रयास कर रहा हैं।
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