मुंबई। मोबाइल डेटा को कथित तौर पर लीक करने के मामले में सरकार यूसी ब्राउजर की जांच कर रही है। दोषी पाए जाने पर यूसी ब्राउजर पर बैन लगाया जा सकता है। यूसी ब्राउजर चीन की कंपनी अलीबाबा का है जो इंटरनेट सर्फिंग के काम आता है। इस ब्राउजर पर भारतीय उपयोक्ताओं से जुड़ी जानकारी लीक करने का आरोप है। सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार यूसी ब्राउजर के खिलाफ शिकायतें मिली हैं कि वह अपने भारतीय यूजरों का मोबाइल डेटा चीन स्थित सर्वर को भेजता है। ऐसी भी शिकायतें हैं कि अगर यूजर इस ब्राउजर को अनइंस्टाल कर देता है या ब्राउजिंग डेटा इरेज भी कर देता है तो भी उसके डिवाइस के डीएनएस पर इसका नियंत्रण रहता है। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अगर इन आरोपों की पुष्टि हो जाती है तो भारत में इसे बैन किया जा सकता है। यूसी ब्राउजर की पैरंट कम्पनी यूसी वेब ने इस बारे में कहा है कि भारत सरकार से इस बारे में उसे कोई नोटिस या सूचना नहीं मिली है। कंपनी ने कहा है कि यूसी वेब में हम सुरक्षा व गोपनीयता को गंभीरता से लेते हैं। सभी क्षेत्रों में स्थानीय नियमों का पालने किया जाता है। कंपनी ऐसा कोई कार्य नहीं करती जिससे यूजरों का भरोसा टूटे। यूसी ब्राउजर अलीबाबा के मोबाइल बिजनेस ग्रुप का हिस्सा है। अलीबाबा ने भारत में पेटीएम व इसकी पैरंट कंपनी वन 97 में काफी बड़ा निवेश किया है। इसके अलावा उसने स्नैपडील में भी काफी पैसा लगाया है। यूसी ब्राउजर ने पिछले साल दावा किया था कि भारत व इंडोनेशिया में उसके 10 करोड़ से ज्यादा मंथली ऐक्टिव यूजर हैं। भारत में गूगल के क्रोम के बाद यूसी ब्राउजर दूसरा सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला ब्राउजर है।
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