मुंबई। वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल की बजाए 1 जनवरी से प्रारंभ करने का प्रस्ताव फिलहाल लागू नहीं होगा। देश में वर्तमान में अप्रैल से मार्च तक का वित्तीय वर्ष है। यह प्रक्रिया अंग्रेजों के शासनकाल से जारी है। सरकार ने कहा था कि इसे बदल कर 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक कर दिया जाएगा। इसके लिए एक समिति भी गठित की गई थी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 21 जुलाई को लोकसभा में कहा था कि वित्तीय वर्ष बदलने के बारे में सरकार विचार कर रही है। केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फिलहाल यह बदलाव नहीं संभव नहीं है। यदि इस साल से वित्तीय वर्ष में परिवर्तन किया गया तो बजट अक्टूबर अंत या नवंबर की शुरूआत में पेश करना पड़ेगा। यह संभव नहीं है क्योंकि बजट की तैयारियां ही अब तक शुरू नहीं हुई हैं। दूसरा मुद्दा यह है कि जीएसटी लागू करने के बाद प्रक्रिया को सुगम होने में समय लगेगा। सरकार चाहती है कि इसके लिए पर्याप्त समय दिया जाए। 2019 में लोकसभा चुनाव होंगे। वित्त विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार तब तक वित्तीय वर्ष में बदलाव नहीं करेगी। उल्लेखनीय है कि दूसरे देशों में जनवरी से दिसंबर का वित्तीय वर्ष होता है।
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