नई दिल्ली। भारत को अगले कुछ महीनों में अमेरिका से कच्चा तेल मिलने लग जाएगा। इससे तेल आयात के लिए किसी एक देश या क्षेत्र पर निर्भरता कम होगी। हाल में अमेरिका ने रिकॉर्ड कायम करते हुए हर दिन २० लाख बैरल कच्चा तेल दूसरे देशों को भेजा। वर्ष 2015 में क्रूड आॅइल के निर्यात पर प्रतिबंध हटने के बाद से भारत को कुछ ही खेप मिली। अब भारतीय रिफाइनरियों ने अमेरिका से ज्यादा मात्रा में तेल मंगवाना शुरू कर दिया है। भारत मध्य पूर्व के देशों के अलावा अन्य देशों से तेल आपूर्ति बढ़ाना चाहता है। रिफाइनरियों में अमेरिका के दोनों तरह के कच्चे तेल की टेस्टिंग हो रही है। किसी नई जगह से क्रूड आॅइल मंगवाने पर ऐसी टेस्टिंग होती ही है। विदेशी रिफाइनरियों ने अमेरिकी क्रूड बेंचमार्क के मुकाबले फिजिकल ग्रेड्स के लिए ऊंची बोलियां लगाईं। इनमें भारत में मौजूदगी वाली विदेशी रिफाइनरियां भी शामिल हैं। जून महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की मुलाकात में भारत को एनर्जी एक्सपोर्ट्स पर बातचीत हुई थी। मोदी सरकार तब से ढुलाई की शर्तें हटाते हुए ज्यादा मात्रा में कच्चे तेल की आयात को बढ़ावा दे रही है।
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