नई दिल्ली। सीबीएसई ने वर्ष 2018 में होने वाली 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं फरवरी में कराने का इरादा टाल दिया है। इस बार भी मार्च में ही परीक्षाएं होंगी। बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि जल्दबाजी में मूल्यांकन पर असर न पड़े, इसलिए यह निर्णय लिया है। इस बार करीब 27 लाख विद्यार्थी सीबीएसई परीक्षा में शामिल होंगे।सीबीएसई के कोआॅर्डिनेटर जावेद आलम के अनुसार पिछले कुछ वर्षों से दसवीं कक्षा की परीक्षा सीबीएसई बोर्ड के माध्यम से कराने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई थी। इस बार फिर से 10वीं के लिए बोर्ड अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में बोर्ड के विद्यार्थियों की संख्या बढ़ेगी। उनके लिए तैयारी करने हेतु भी बोर्ड को पर्याप्त समय चाहिए। वहीं अन्य कक्षाओं की परीक्षाओं के लिए भी बोर्ड को तैयारी करनी है। इसी वजह से परीक्षाएं मार्च में कराने का निर्णय लिया गया है। पूर्व में सीबीएसई ने मानव संसाधन मंत्रालय को पत्र लिखा था कि बोर्ड परीक्षा फरवरी में ही कराई जाए ताकि जल्दी रिजल्ट आ सके और विद्यार्थियों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के लिए समय मिल सके। इस कारण अनुमान लगाया जा रहा था कि इस बार बोर्ड परीक्षाएं फरवरी में होंगी। सूत्रों के अनुसार कई दौर की मीटिंग के बाद बोर्ड ने अपना फैसला बदल दिया है। पिछली बार जब मार्च में परीक्षा हुई थी तब उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्याकंन में गड़बड़ी सामने आई थी। इसी वजह से परीक्षाएं फरवरी में कराने का प्रस्ताव था।
Comments (0 posted)
Post your comment