किराए की साइकल के धंधे पर बड़ी कंपनियों की नजर

बेंगलुरु। देश के विभिन्न शहरों में किराए पर साइकलें देने का कार्य कोई नया नहीं है। गली-मोहल्लों में अब भी कई लोग यह व्यवसाय कर रहे हैैं लेकिन अब उनके इस व्यवसाय पर भी बड़ी कंपनियों नजर पड़ गई है। ये कंपनियां किराए पर साइकलें उपलब्ध कराने के लिए बड़ा प्लान लेकर मार्केट में उतर रही हैं। छोटी स्तर पर यह धंधा करने वाले बड़ी कंपनियों का मुकाबला नहीं कर पाएंगे। 

कैब सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनी ओला और कुछ स्टार्टअप्स पूरे देश में साइकल रेंटल सर्विस शुरू करने वाले हैं। ओला ने फिलहाल आईआईटी कानपुर के कैंपस में ओला पेडल नाम से साइकल रेंटल सर्विस का टेस्ट प्रारंभ किया है। कैंपस में करीब 600 साइकलें रखी गई हैं। विद्यार्थी ओला ऐप से साइकल किराए पर लेते हैं। कंपनी को अच्छा रिस्पांस मिलने पर यह प्रोजेक्ट पूरे देश में और बेहतर वर्जन के साथ लागू किया जाएगा। अगले चरण में क्यूआर कोड और जीपीएस ट्रेकिंग की व्यवस्था भी साइकलों में की जाएगी। कानपुर आईआईटी में विद्यार्थियों द्वारा साइकल किराए पर लेने पर पहले 30 मिनट का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। इसके बाद अगले 30 मिनट के लिए 5 रुपए शुल्क वसूला जाता है। बेंगलुरु में युलू कंपनी इस महीने जीपीआरएस, जीपीएस और ब्लूटूथ से लैस साइकल सर्विस लॉन्च करने वाली है। इसके तहत यूजर्स युलू ऐप से क्यूआर कोड का इस्तेमाल कर इसे अनलॉक कर पाएंगे और पेमेंट के लिए ऐप से डिजिटल वॉलेट भी लिंक्ड होगा।