इस गंभीर मामले की सुनवाई 5 दिसंबर सुप्रीम कोर्ट मे

नई दिल्ली। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई 5 दिसंबर से सुप्रीम कोर्ट में शुरू हो रही है। जिसमें शामिल होने के लिए विवाद से जुड़े सभी पक्षकार दिल्ली पहुंच चुके हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बैंच में सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से पैरवी करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता जफरयाब जिलानी, निर्मोही अखाड़ा से वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीतलाल वर्मा भी दिल्ली पहुंच चुके हैं। 

सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पूर्ण पीठ करेगी, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्र के अलावा न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और पांच अन्य पक्षकार हैं, जबकि हिंदुओं की तरफ से निर्मोही अखाड़ा, हिंदू महासभा, रामजन्म भूमि पुनरोद्धार समिति पक्षकार हैं। सुनवाई में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से दिए प्रार्थना पत्र पर भी फैसला होगा। सुनवाई में तय होगा कि शिया वक्फ बोर्ड पक्षकार होगा या नहीं। रामजन्म भूमि मंदिर निर्माण न्यास के महासचिव अमरनाथ मिश्र का तर्क है कि शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने सुप्रीम कोर्ट में विवाद के समाधान का जो फार्मूला दाखिल किया है, उस पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी, महंत नृत्यगोपाल दास और हनुमान गढ़ी के महंत धर्मदास और महंत रामदास आदि नौ लोगों के हस्ताक्षर हैं।