भारत बना 42वां सदस्य

नई दिल्ली। क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा तथा उत्कृष्ट निर्यात नियंत्रण व्यवस्था देखने वाली संस्था वासेनर अरेंजमेंट (डब्लूए) में भारत ने 42वें सदस्य के तौर पर प्रवेश किया है। पिछले वर्ष ही मिसाइल टेक्नॉलजी कंट्रोल रिजाइम में भी भारत को प्रवेश मिला था। दोनों ही संगठनों में चीन शामिल नहीं है। 

वासेनार अरेंजमेंट में शामिल होना भारत के लिए बड़ी उपलब्धि है। 48 सदस्यों वाले एनएसजी के लिए भी भारत की दावेदारी इससे मजबूत होगी। वासेनार सदस्य देशों के बीच हथियारों के हस्तांतरण में पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जाता है। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार वासेनार अरेंजमेंट की सदस्यता मिलने के बाद भारत की कोशिश हथियार और स्पेस कार्यक्रमों के लिए उच्चस्तरीय तकनीक के सुगम आदान-प्रदान की रहेगी। भारत को अभी भी हाई-टेक निर्माण के लिए, ड्यूल-यूज निर्यात के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन करना पड़ता है, लेकिन अब यह प्रक्रिया काफी आसान हो जाएगी। भारत और अमेरिका के बीच परमाणु समझौते के बाद यह चौथा अप्रसार समूह है जिसकी सदस्यता भारत को मिली है। भारत को वासेनार में सदस्यता देने का फैसला विएना में हुई बैठक में लिया गया। चीन इस संस्था का सदस्य नहीं है, फिर भी उसने पूरी कोशिश की जिससे भारत को यह सदस्यता न मिल सके।