नई दिल्ली। प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए ग्रैच्यूटी की सीमा बढ़ाने और अधिक मेटरनिटी लीव देने के लिए सरकार ने लोकसभा में बिल पेश किया है। बिल पास होने पर प्राइवेट सेक्टर में ग्रैच्यूटी लिमिट सरकारी कर्मचारियों की तरह 20 लाख रुपए हो जाएगी। श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने पेमेंट आॅफ ग्रैच्यूटी (अमेंडमेंट) बिल-2017 सदन में पेश किया। पेमेंट आॅफ ग्रैच्यूटी एक्ट-1972 को फैक्ट्रियों, माइंस, आॅइल फील्ड, प्लांटेशन, पोर्ट, रेलवे कंपनियों, दुकानों या अन्य प्रतिष्ठानों में नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिए लागू किया गया था। यह 10 या अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठान में न्यूनतम पांच वर्षों की नौकरी पूरी करने वाले कर्मचारियों पर लागू है। इसके अलावा मैटरनिटी बेनिफिट (अमेंडमेंट) एक्ट-2017 के जरिए मैटरिनिटी लीव को 12 सप्ताह से बढ़ाकर अधिकतम 26 सप्ताह किया जाएगा। ग्रैच्यूटी की रकम नौकरी के प्रत्येक वर्ष के लिए 15 दिन के वेतन के आधार पर तय की जाती है। इसकी अधिकतम सीमा अभी 10 लाख रुपए है जो 2010 में तय की गई थी। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद ग्रैच्यूटी की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए की गई है।
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