गुवाहाटी। प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा है कि आम जनता अब भी समस्याओं से जूझ रही है। देश के किसान दुखी हैं। बैंक द्वारा किसानों को जो कर्ज दिया जा रहा है उस पर मनमाने तरीके से ज्यादा ब्याज दर वसूल की जा रही है। भारतीय रिजर्व बैंक को सभी किसानों को दिए जाने वाले ऋण पर ब्याज दर तय करना चाहिए। बैंकों को कृषि ऋण की ब्याज दर तय करने की अनुमति नहीं दी जाए। अन्ना हजारे ने कहा कि किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। इस कारण वे कर्ज अदा नहीं कर पा रहे हैं और आत्महत्या कर रहे हैं। अन्ना ने बताया कि वे पिछले तीन साल में प्रधानमंत्री को 32 पत्र लिख चुके हैं लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से एक भी पत्र का जवाब नहीं मिला।
अन्ना ने कहा कि पिछले तीन साल के एनडीए शासनकाल में भारत एशिया में सबसे ज्यादा भ्रष्ट देशों में शीर्ष स्थान पर आ गया है। उन्होंने दावे के साथ कहा कि पिछले पांच साल में दान के रूप में भारतीय जनता पार्टी की तिजोरी में 80 हजार करोड़ रुपए की रकम आई है। अन्ना हजारे ने फोर्ब्स पत्रिका के एक आलेख में प्रकाशित ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल सर्वे का हवाला देते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह मेरा दावा नहीं है बल्कि एशियाई देशों में सर्वेक्षण कराने के बाद यह फोर्ब्स पत्रिका में प्रकाशित हुआ तथ्य है। हजारे ने कहा कि पिछले तीन साल से मैं चुप हूं। जब नई सरकार आती है तो हमें उसे कुछ समय अवश्य देना चाहिए, इसलिए मैं चुप रहा लेकिन अब बोलने का वक्त आ गया है। मजबूत जन लोकपाल और देश के किसानों के लिए 23 मार्च-2018 से दूसरा आंदोलन शुरू करने जा रहा हूं।
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