संसद में सुषमा ने दिया बयान, पाक की कड़ी निंदा

नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में बंद नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी के साथ की गई पाकिस्तान में की गई बदसलूकी पर गुरुवार को संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष ने कड़ा एतराज जताया।
सदन में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाक की हरकत का सख्त लहजे में जवाब दिया। सांसदों ने पाक के खिलाफ शेम-शेम के नारे लगाए। सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान में जाधव के परिवार वालों के मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ। उन्हें भयभीत करने वाला वातावरण निर्मित किया गया। इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। इस्लामाबाद ने धोखा किया है। इस्लामाबाद में 25 दिसंबर को जाधव से मिलने उनकी मां और पत्नी पहुंचीं थीं। इस मुलाकात के बारे में राज्यसभा बयान देते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि 22 माह बाद एक मां की अपने बेटे से और एक पत्नी की अपने पति से होने वाली भावपूर्ण भेंट को पाकिस्तान ने दुष्प्रचार के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। मां और पत्नी को विधवा के रूप में पेश किया गया। सुरक्षा के नाम पर जाधव की मां और पत्नी के कपड़े बदलवाए, मंगलसूत्र, बिंदी सहित उनके गहने उतरवा लिए।
सुषमा के अनुसार जाधव की मां ने उन्हें बताया कि जब वे बेटे के सामने पहुंचीं तो उन्हें बिना बिंदी, चूड़ी और मंगलसूत्र के देखने पर जाधव ने पहला सवाल किया कि बाबा कैसे हैं। विदेश मंत्री ने बताया कि भारत के उप उच्चायुक्त जाधव के परिवार के साथ इस मुलाकात के लिए गए थे। उन्हें बिना बताए परिवार वालों को पिछले दरवाजे से बैठक के लिए ले जाया गया। सुषमा ने कहा कि जाधव की पत्नी के जूते मुलाकात के पहले उतरवा कर उन्हें चप्पल पहनाई गई थी। मुलाकात के बाद बार-बार मांगने पर भी उनके जूते नहीं लौटाए गए। उन्होंने कहा कि लगता है कि पाकिस्तानी अधिकारी इसमें भी कोई शरारत करने वाले हैं जिसके बारे में हमने उन्हें बुधवार को भेजे गए एक मौखिक नोट में सचेत कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब पाकिस्तानी अधिकारी कह रहे हैं कि जूतों में चिप, कैमरा या रिकॉर्डर लगा था। ये आरोप सत्यता से परे हैं। दोनों महिलाओं की दिल्ली, दुबई और पाकिस्तान में सुरक्षा संबंधी जांच हुई और इन हवाईअड्डों पर सुरक्षा जांच के दौरान ऐसे किसी उपकरण का पता नहीं चला।
विदेश मंत्री ने कहा कि हमने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जाधव के पक्ष में याचिका दायर की। इस याचिका के फलस्वरूप हम अस्थाई तौर पर उनकी मृत्युदंड की सजा रूकवाने में सफल रहे। यह मृत्युदंड जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने उपहास भरे तरीके से चलाए गए मुकदमे में सुनाया गया था। उनके जीवन पर मंडरा रहे खतरे को अभी टाल दिया गया है और हम अधिक मजबूत तर्कों के आधार पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा स्थाई राहत दिए जाने का प्रयास कर रहे हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि जाधव की मां और पत्नी ने मुझे बताया कि जाधव बेहद तनाव में दिख रहे थे और ऐसा लग रहा था कि वे दबाव में बोल रहे हैं। बातचीत आगे बढ़ने पर यह साफ हो गया कि उन्हें कैद करने वालों ने उन्हें जो सिखा पढ़ा कर भेजा था वे वही बोल रहे थे।