आदिवासी बहुल जिलों में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल

इंदौर। केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री जसवंत सिंह भाबर की अध्यक्षता में शुक्रवार को इंदौर संभाग जनजातीय कल्याण विभाग के अधिकारियों की बैठक रेसीडेंसी कोठी में हुई। श्री भाबर 
विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए श्री भाबर ने कहा कि इंदौर संभाग में बेहतर तरीके से कार्य हो रहा है।  बड़वानी और कुक्षी एकलव्य विद्यालय के खिलाड़ियों का राष्ट्रीय स्तर पर चयन होना इस बात का द्योतक है। जनजातीय कल्याण के लिए धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। प्रत्येक आदिवासी बहुल विकासखंड में एकलव्य विद्यालय खोले जाएंगे। स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से जनजातियों का कल्याण करेंगे। इस वर्ग के कल्याण के लिए मप्र शासन द्वारा प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा जाए। 
श्री भाबर ने कहा कि आदिवासी बहुल क्षेत्र में औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएंगे। मप्र के 927 वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में बदला जाएगा। संभागीय मुख्यालय पर आदिवासियों के लिए और अधिक पोस्ट मैट्रिक छात्रावास खोले जाएंगे। स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से प्रत्येक आदिवासी बहुल जिले में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल संचालित किए जाएंगे। 
बैठक में बताया गया कि इंदौर जिले में महू विकासखण्ड के 31 ग्रामों में 77 प्रतिशत आबादी आदिवासियों की है। जिले में एकलव्य और गुरूकुलम स्कूल व छात्रावास संचालित हैं। यहाँ पर और अधिक पोस्ट मैट्रिक छात्रावास की जरूरत है। पूरे प्रदेश में इंदौर का शासकीय परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र  इंदौर मप्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा के लिए सर्वाधिक लोकप्रिय केंद्र है। पूरे प्रदेश के अजा/अजजा वर्ग के विद्यार्थी यहाँ पढ़ने आते हैं। पीएससी की पिछली परीक्षा में यहां के 35 अभ्यर्थियों का चयन हुआ। बैठक में केंद्रीय जनजातीय कल्याण विभाग के उप सचिव रूपक चौधरी, अपर आयुक्त जनजातीय कल्याण संचालनालय जी.एस. नेताम, उपायुक्त जनजातीय विकास इंदौर डॉ. के.के. श्रीवास्तव, सहा आयुक्त जनजातीय विकास मोहिनी श्रीवास्तव तथा अन्य अधिकारी मौजूद थे।