नई दिल्ली। अब प्लेन में सफर के दौरान भी मोबाइल और इंटरनेट के उपयोग (आईएफसी) की सुविधा मिलेगी। दूरसंचार नियामक (ट्राई) ने इसके लिए सहमति दे दी है। ट्राई ने कहा है कि मोबाइल फोन की सेवाएं भारतीय विमान सेवा में मिनिमम 3 किलोमीटर अर्थात 9 हजार 842 फीट की ऊंचाई तक मान्य होनी चाहिए। इंटरनेट की सुविधा भी मिलेगी लेकिन इसके लिए वर्तमान नियमों के तहत प्लेन में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के इस्तेमाल की अनुमति जरूरी होगी। ट्राई ने यह सुझाव भी दिया है कि केवल एक रुपए के शुरूआती वार्षिक लाइसेंस शुल्क पर इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी भी बनाई जा सकती है अथवा कंपनियों के साथ समझौता किया जा सकता है। कंपनियों को भारतीय उपग्रह प्रणालियों (इनसैट) तथा इनसैट से बाहर के क्षेत्र में विदेशी संचार उपग्रह प्रणालियों के साथ समझौता करने की इजाजत होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि टेलीकॉम मिनिस्ट्री द्वारा ट्राई से इस मामले में अनुमति हासिल करने के लिए लंबे समय से प्रयास किए जा रहे थे। मिनिस्ट्री ने ट्राई को मोबाइल, इंटरनेट और वीडियो की सुविधा देने का प्रस्ताव भेजा था। ट्राई ने कहा है कि मोबाइल सर्विस के लिए सेवा प्रदाता कंपनियों को नियमों के आधार पर अनुमति दी सकती है। विशेष ध्यान रखना होगा कि इससे विमान संचालन में बाधा न हो और किसी अन्य तरह की परेशानी न हो। टेलीकॉम मिनिस्ट्री ने यह मांग भी की थी कि डोमेस्टिक फ्लाइट के साथ ही भारतीय वायु सीमा में इंटरनेशल फ्लाइट में भी यह सुविधा मिलनी चाहिए। फिलहाल ट्राई ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है।