गलत जानकारी दी तो 10 लाख का जुर्माना

इंदौर। गलत जानकारी देकर खाद्य पदार्थ बेचने वालों पर सरकार द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी। नया नियम 1 जुलाई से लागू होगा। इसके तहत आॅर्गेनिक फूड के नाम पर बेची जा रही सामग्री की जांच में यदि दावा गलत पाया गया तो संबंधित व्यक्ति पर 10 लाख रुपए जुर्मान होगा। 
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी आॅफ इंडिया ने इस संबंध में नया नियम तैयार किया है जिसे 1 जुलाई से लागू किया जाएगा। विभाग के एक अधिकारी के अनुसार आॅर्गेनिक फूड की मांग तेजी से बढ़ती जा रही है। इसकी कीमत ज्यादा होती है क्योंकि इसे तैयार करने में अधिक श्रम और खर्च लगता है। यह स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह सुरक्षित होता है। इन खाद्य पदार्थों की फसल के लिए रासायनिक कीटनाशकों और खाद आदि का उपयोग बिलकुल भी नहीं किया जाता है। इस कारण लोग आॅर्गेनिक फूड को ज्यादा पसंद कर रहे हैं भले ही उन्हें इसके लिए ज्यादा कीमत देना पड़े। इसी का फायदा उठा कर कई लोग आॅर्गेनिक फूड के नाम पर सामान्य खाद्य सामग्री भी उपलब्ध करा रहे हैं। ऐसे लोगों की कारगुजारी पर रोक लगाने के लिए नया नियम लागू किया जा रहा है। इस संबंध में कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि जैविक खेती के लिए खेत को कुछ सालों तक खाली छोड़ा जाता है। उसके बाद मिट्टी का परीक्षण कर यह पता लगाया जाता है कि उसमें किसी भी प्रकार के रासायनिक पदार्थों का असर तो नहीं बचा है। इसकी पुष्टि होने के बाद ही जैविक खेती शुरू की जाती है। आॅर्गेनिक फूड निर्माण और विक्रय के लिए अधिकृत शासकीय विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है और इस अनुमति का उल्लेख पैकिंग पर भी करना होता है। नया नियम लागू होने के बाद खाद्य विभाग के अधिकारी ऐसे पदार्थों के सेम्पल लेकर लैब में जांच के लिए भेज सकेंगे। यदि सेम्पल फेल होता है तो संबंधित व्यक्ति पर दस लाख रुपए तक जुर्माना किया जा सकेगा और उसका व्यापार लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा।