नई दिल्ली। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार पर कर्ज के भारी दबाव के कारण भारत की रेटिंग में सुधार रुक गया है। फिच की इस टिप्पणी का असर तुरंत शेयर बाजार पर पड़ा और सेंसेक्स 519.69 अंक गिरकर 35,314.97 अंक पर तथा निफ्टी 190.40 अंक लुढ़क कर 10,826.50 अंक पर आ गया। फिच रेटिंग के निदेशक थॉमस रूक्माकर ने कहा है सरकार की कमजोर वित्तीय स्थिति ने भारत की स्वायत्त रेटिंग के सुधार में रुकावट डाली है। सरकार पर जीडीपी के करीब 68 प्रतिशत के बराबर ऋण का बोझ है और यदि राज्यों को शामिल किया जाए तो राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.5 प्रतिशत है। सरकार ने राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3 प्रतिशत तक सीमित रखने के लक्ष्य को 2020-21 तक के लिए टाल दिया है जो मौजूदा सरकार के कार्यकाल के बाद का समय है।
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