नई दिल्ली। डीआरडीओ ने देश में बने सबसे बड़े ड्रोन 'रुस्तम-2' का सफल टेस्ट किया। रविवार को विमान ने पहली बार कर्नाटक के चित्रदुर्ग में उड़ान भरी। साइंटिस्ट रुस्तम दमानिया के नाम पर इसे रुस्तम-2 नाम दिया गया है। 80 के दशक में एविएशन सेक्टर में की गई दमानिया की रिसर्च देश के लिए काफी काम आई है।
डीआरडीओ के अनुसार यह ड्रोन निगरानी के साथ टारगेट पर सटीक निशाना भी लगाएगा। रुस्तम-2 की लॉन्चिंग के 7 साल बाद इसे तैयार किया गया है। डीआरडीओ ने इसे सैन्य मकसद के लिए तैयार किया है। इसका उपयोग दुश्मनों की टोह लेने, निगरानी करने, टारगेट पर निशाना लगाने और सिग्नल इंटेलीजेंस में किया जाएगा। रुस्तम-2 के विंग 21 मीटर लंबे हैं। इसका वजन 108 टन तथा स्पीड 225 किलोमीटर प्रति घंटा है। ड्रोन 350 किलो वजन के हथियारों के साथ एक बार में 24 घंटे तक उड़ान भर सकेगा।
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