मतदाताओं को राइट टू रिकॉल मिले : गांधी

कोयंबटूर। भाजपा नेता वरुण गांधी ने कहा है कि युवाओं में बदलाव को लेकर झूठ बोला जा रहा है, जबकि सपनों को साकार करने के लिए जूझ रहे लोगों के सामने सच्चाई परोसनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में राजनीतिक बदलाव नहीं आने तक परिवर्तन संभव नहीं है। राजनीति में महिलाओं की भागीदारी जरूरी है। मतदाताओं को यह अधिकार मिलना चाहिए कि वे अपने द्वारा चुने गए नेता को वापस बुला सकें अर्थात राइट टू रिकॉल। सही मायने में यही भारतीय लोकतंत्र में जनता की आवाज होनी चाहिए। 

वरुण गांधी ने कहा कि देश के लोगों में इस बात की जानकारी नहीं है कि जिस धर्म, जाति और क्षेत्रवाद के नाम पर वे अपने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का चयन करते हैं, उससे देश आगे नहीं बढ़ेगा। कोयंबटूर में नेशनल बिल्डिंग आॅर्गनाइजेशन द्वारा युवाओं के लिए आयोजित कार्यक्रम में गांधी ने कहा कि देश के लोगों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने के लिए राइट टू रिकॉल का अधिकार होना चाहिए। हालांकि यह अधिकार देने के बाद थोड़ी परेशानी होगी लेकिन लंबे समय में यह भारतीय लोकतंत्र और देश के लिए लाभदायक साबित होगा।
उन्होंने कहा कि इस समय लोकसभा में केवल 11 प्रतिशत महिला सदस्य हैं और राज्यों की विधानसभाओं में उनकी भागीदारी केवल 9 फीसदी है। यह स्थिति काफी चिंताजनक है। संसद में राजनेताओं के रिश्तेदार निर्वाचित होकर काफी संख्या में प्रवेश कर रहे हैं यह भी चिंताजनक है। राजनीति की इस व्यवस्था में बदलाव होना चाहिए।
जिन महिलाओं की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है उन्हें भी राजनीति में आने का मौका दिया जाए। राजनीति में भारत की पहली रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण बेमिसाल उदाहरण हैं। सुप्रीम कोर्ट में वर्ष 1950 से लेकर अब तक करीब 6 महिला जज की नियुक्ति की जा सकी है। दिक्कत यह है कि लोग पूरी व्यवस्था को बदल नहीं सकते।