पुणे। पुणे निवासी कैब ड्राइवर शीघ्र ही आर्मी आॅफिसर बनने वाले हैं। यह मामला है कैब ड्राइवर ओम पैथाने का। 10 मार्च को वे चेन्नई के आॅफिसर्स ट्रेनिंग अकेडमी से अपनी ट्रेनिंग पूरी करने वाले हैं। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के बावजूद ओम ने अपनी पढ़ाई और ड्राइविंग दोनों जारी रखी और अपनी लगन के बल पर अब वे आर्मी आॅफिसर बनने वाले हैं। पुणे के तोंडल गांव के निवासी ओम को आर्मी ज्वॉइन करने प्रेरणा एक रिटायर्ड कर्नल से मिली थी। कर्नल उनकी कैब में सवारी के रूप में बैठे थे। रास्ते में उनसे जो चर्चा हुई उससे ओम के जीवन की दिशा ही बदल गई। कर्नल ने ओम को कंबाइंड डिफेंस सर्विस एग्जामिनेशन के बारे में बताया। उनकी बातों से प्रेरित होकर ओम ने सेना में शामिल होने का निर्णय ले लिया लेकिन परिवार की खराब आर्थिक स्थिति आड़े आ रही थी। वे लगातार मेहनत करते रहे। ओम के पिता सड़क हादसे में दोनों पैर गंवा चुके हैं। वे चौकीदार के रूप में कार्य करते थे। परिवार को आर्थिक मदद देने के लिए ओम ने ओला कैब की ड्राइविंग शुरू की। इसी दौरान उन्होंने बीएससी कंप्यूटर फाइनल ईयर की पढ़ाई भी की।
ओम के पिता का कहना है कि पूरे परिवार को गर्व है कि ओम देश की सेवा के लिए जा रहा है। परिजनों ने बताया कि ओम के पिता नहीं चाहते थे कि वह ड्राइवर की नौकरी करे। पिता को बताए बगैर ओम कैब चलाते रहे। वर्ष 2016 में ओम ने सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के लिए परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में उन्हें सफलता मिल गई। इसके बाद उन्हें आॅफिसर्स ट्रेनिंग अकेडमी भेजा गया।