नई दिल्ली। त्रिपुरा से शुरू हुआ प्रतिमाओं को तोड़ने का विवाद धीरे-धीरे देश के विभिन्न हिस्सों में फैलता जा रहा है। किसी एक विचारधारा के समर्थक दूसरी विचारधारा वाले महापुरुषों की प्रतिमाओं को निशाना बनाते जा रहे हैं।
बीती रात केरल के थालीपारंबा इलाके में महात्मा गांधी की प्रतिमा को अज्ञात लोगों ने नुकसान पहुंचाया। उनका चश्मा टूटा पड़ा मिला। बुधवार रात ही तमिलनाडु में आंबेडकर की मूर्ति पर पेंट डाल दिया गया। इससे पहले त्रिपुरा में बीजेपी की जीत के बाद वहां रूसी क्रांतिकारी व्लादिमीर लेनिन की दो प्रतिमाएं ढहा दी गई थीं। इसके बाद देश के अलग-अलग क्षेत्रों में महापुरुषों प्रतिमाओं को नुकसान पहुंचाने का सिलसिला शुरू हो गया। चार दिनों में सात प्रतिमाओं को नुकसान पहुंचाया जा चुका है। जब बात बढ़ती दिखी तो सरकार केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि ऐसी हरकतें करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
त्रिपुरा में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा लेनिन की दो प्रतिमाओं को गिराने के बाद सीपीआईएम कार्यकर्ताओं के हमले में भाजपा के पांच कार्यकर्ता घायल हो गए। तमिलनाडू के तिरुवेत्तुयूर में बीती रात डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा पर अज्ञात लोगों ने पेंट डाल दिया। मंगलवार रात राज्य के वेल्लोर जिले में समाज सुधारक और द्रविड़ आंदोलन के संस्थापक ईवी रामासामी पेरियार की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया गया। यह काम बीजेपी के एक नेता एच. राजा की फेसबुक पोस्ट के बाद किया गया। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक बीजेपी और एक सीपीएम से जुड़ा है। इसके बाद कोयंबटूर में बीजेपी के आॅफिस पर पेट्रोल बम फेंका गया। उत्तरप्रदेश के मेरठ जिले के मवाना इलाके में मंगलवार रात शरारती तत्वों ने डॉ. भीमराव अांबेडकर की प्रतिमा को तोड़ दिया। इसके बाद हंगामा शुरू हुआ तो प्रशासन ने नई प्रतिमा लगवा दी। पश्चिम बंगाल में कोलकाता के कालीघाट में जनसंघ के संस्थापक श्यामाप्रसाद मुखर्जी की मूर्ति पर बुधवार को कालिख पोत दी गई। पुलिस ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है।