नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग ने सत्याग्रह और रेप रोको आंदोलन के समर्थन में लोगों से अपील की थी कि वे इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखें। इस अपील का असर यह हुआ कि 35 दिनों में आयोग को साढ़े 5 लाख से अधिक पत्र मिले। इनमें लोगों ने नरेंद्र मोदी से सख्त कानून बनाने की अपील की ताकि महिलाओं और बच्चियों के प्रति लोगों का नजरिया बदल सके। दिल्ली महिला आयोग ने बच्चियों से रेप के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए 31 जनवरी को सत्याग्रह शुरू किया था। इसमें लोगों से पीएम को पत्र लिखने की अपील की गई थी। सोशल मीडिया पर सत्याग्रह का प्रचार किया गया था और आयोग की महिला पंचायत सदस्यों ने घर-घर जाकर लोगों से पत्र लिखने की अपील की थी।
आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने गत दिवस 6 आॅटो और 10 कारों में ये पत्र भरे और आयोग की सदस्यों के साथ पीएमओ के लिए रवाना हुईं तो रास्ते में पुलिस ने रोक लिया। अध्यक्ष को सभी वाहनों के साथ थाने ले जाया गया। दोपहर 3 बजे पुलिस उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय ले गई। जहां पीएमओ के अधिकारी ने उनकी मांगों का पत्र लिया।एक पत्र में एक महिला ने लिखा है कि दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। अपराधियों में कोई डर नहीं है। भारतीय संस्कृति में महिलाओं को देवी का स्थान दिया गया है। इसके बावजूद वे शारीरिक, मानसिक अपराध से लगातार पीड़ित हो रही हैं। कई मामलों में तो वे शिकायत तक नहीं करने जा पाती हैं। कुछ समय पहले मैंने आपको राम मंदिर निर्माण के पक्ष में बोलते सुना था। मेरा अनुरोध है कि यदि सीता ही सुरक्षित नहीं रहेगी तो फिर मंदिर बनाने का क्या मतलब होगा। मैं उत्तम नगर में रहती हूं। यहां आए दिन महिलाओं के साथ अपराध की घटनाएं होती हैं। आपसे अनुरोध है कि छोटी बच्चियों के साथ होने वाले अपराध को रोकने और कठोर कानून बनाने के लिए जल्द से जल्द कार्रवाई करें। एक अन्य लेटर में लिखा है- प्रधानमंत्रीजी, मैं आसपास के माहौल के बारे में बताना चाहती हूं। मेरी दो बेटी हैं। जब वे घर से निकलती हैं और शाम को लौट नहीं आतीं मन में डर लगा रहता है। बस प्रार्थना करती रहती हूं कि वे सही सलामत घर लौट आएं। मैं जब घर से बाहर अकेली होती हूं तो रात आठ बजे बाद डर लगता है। हर आदमी ऐसे घूरता है जैसे किसी औरत को कभी देखा ही नहीं।