मुंबई की सड़कों पर किसान ही किसान

मुंबई। संपूर्ण कर्जमाफी व अन्य मांगों को लेकर सीपीएम के किसान संगठन अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा निकाला गई रैली सोमवार सुबह मुंबई पहुंच गई। शिवसेना और राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है। कांग्रेस पहले ही समर्थन दे चुकी है। सोमवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस किसानों के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा करेंगे। चर्चा के दौरान यदि मांगें नहीं मानी गईं तो किसान विधानसभा का घेराव करेंगे।
किसान आंदोलन के कारण सोमवार सुबह से रात 11 बजे तक ईस्टर्न एक्सप्रेस-वे पर बड़े वाहनों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। छोटे वाहनों के लिए एक तरफ का रास्ता चालू रहेगा। उधर राज ठाकरे ने सवाल किया है कि किसानों की कर्जमाफी के अमित शाह के वादे का क्या हुआ? रविवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने किसानों से मुलाकात के दौरान उन्हें कर्ज से मुक्ति दिलाने की मांग की। फड़णवीस सरकार के मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने भी किसानों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे ने इस संबंध में मुख्यमंत्री फड़णवीस से मुलाकात की है।
किसानों के रुख को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने उनकी मांगों पर विचार करने के लिए कमेटी गठित की है, जिसमें 6 मंत्री शामिल हैं। मंत्री तथा भाजपा नेता गिरीश महाजन ने रविवार को किसानों से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री किसानों के साथ हैं। मांगें पूरी की जाएंगी।
किसानों की यह रैली 6 मार्च को नासिक से शुरू हुई थी। किसान हर दिन 30 किलोमीटर चलते हुए करीब 180 किमी का सफर पूरा कर सोमवार सुबह मुंबई पहुंचे। किसानों ने संपूर्ण कर्ज और बिजली बिल माफी के अलावा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग की है। किसानों का कहना है कि भाजपा सरकार ने वादे पूरे न करके उनके साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा कि सरकार विकास, हाईवे और बुलेट ट्रेन के नाम पर किसानों की जमीन जबर्दस्ती छीनना बंद करे। पिछले साल राज्य की भाजपा सरकार ने किसानों की 31 हजार करोड़ रुपए की कर्ज माफी का ऐलान किया था। इसके बाद जून से अब तक 1753 किसान खुदकुशी कर चुके हैं।