बेटी के बर्थडे वाले दिन पिता शहीद

ग्वालियर (मध्यप्रदेश)। बेटी का बर्थडे मनाने के लिए घर में तैयारी चल रही थी। सुबह पिता का फोन आया था कि बेटी को कहना कि बर्थडे मनाने बाहर न जाए। सहेलियों को घर पर ही बुला कर केक काटे, मैं शाम को फोन लगाऊंगा। भाई-बहन मिल कर बर्थडे की तैयारी कर रहे थे। केक भी तैयार था लेकिन केक काटने के पहले ही पिता के शहीद होने की खबर आ गई।
छत्तीसगढ़ के सुकमा में मंगलवार को नक्सली हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के एएसआई आरकेएस तोमर ने सुबह पत्नी प्रभा से फोन पर बात करते हुए कहा था कि आज बेटी पिंकी का बर्थ-डे है, घर पर ही धूमधाम से मनाना। चर्चा करते हुए उन्होंने कहा था कि अब नक्सली एरिया में प्रवेश कर रहे हैं, नेटवर्क न होने के कारण फोन कट सकता है। शाम को फोन लगाऊंगा। परिजन पिंकी के बर्थडे की तैयारी कर शाम को फोन का इंतजार कर रहे थे, तभी फोन तो आया लेकिन उस पर संदेश दिया गया कि तोमर नक्सली हमले में शहीद हो गए हैं। इस हादसे की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। तोमर के परिवार सहित पूरा गांव शोक में डूबा है। बुधवार को तोमर का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव तरसमा में राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
होली पर वे 12 दिनों की छुट्टी लेकर घर पहुंचे थे और इस दौरान वे अपनी बेटी के विवाह के लिए लड़का देखने भी गए थे। लड़का पसंद आने के बाद उन्होंने रिश्ता तय कर दिया था और वे इस रिश्ते से काफी भी खुश थे।
दो दिन पहले ही गए थे जितेंद्रसिंह
भिंड के चतुर्वेदी नगर में रहने वाले सीआरपीएफ के कांस्टेबल जितेंद्र सिंह कुशवाह भी नक्सली हमले में शहीद हो गए। होली पर छुट्टी लेकर घर आए जितेंद्र दो दिन पहले ही वापस ड्यूटी पर पहुंचे थे। सीआरपीएफ में वे 13 साल पहले नौकरी पर आए थे। आठ साल पहले उनका विवाह हुआ था। उनके परिवार में पत्नी व तीन बच्चे (दो बेटियां व एक बेटा) हैं।