नई दिल्ली। बोतलबंद पानी पीने वालों को चिंता में डालने वाली खबर सामने आई है। विश्व में विभिन्न स्थानों से लिए गए बोतलबंद पानी के सेम्पल्स की जांच में 90 प्रतिशत सेम्पल्स में प्लास्टिक के कण पाए गए हैं। जिन देशों में बोतलबंद पानी की जांच की गई उनमें भारत भी शामिल है और यहां भी पानी में प्लास्टिक के कण पाए गए हैं।
न्यूयॉर्क की स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 9 देशों में बेची जा रही 11 ब्रांड्स की 250 बोतलों के पानी की जांच की। इन देशों में भारत, अमेरिका, चीन, मेक्सिको, लेबनान, ब्राजील, इंडोनेशिया, केन्या और थाइलैंड शामिल हैं।
ऐक्वा (इंडोनेशिया)- प्रति बोतल 4713 प्लास्टिक के कण, ऐक्वाफिना (अमेरिका, भारत)-1295, बिस्लेरी (भारत)-5230, डासानी (अमेरिका, केन्या)-335, इप्यूरा (मेक्सिको)-2267, इव्लैन (फ्रांस)-256, गीआॅसटाइना- (जर्मनी)-5160, मिनाल्बा(ब्राजील)- 863, नेस्ले प्योर लाइफ (अमेरिका, थाईलैंड)- 10390, सन पेलेग्रीनो (इटली)- 74, वाहाहा (चीन)- 731 (सभी ब्रांड्स का औसत- 1 लीटर बोतलबंद पानी में औसतन 325 प्लास्टिक के कण)। शोधकर्ताओं का मानना है कि बोतलबंद पानी में यह प्रदूषण पैकेजिंग के दौरान पनपता है। प्लास्टिक के जो अवशेष पाए गए हैं उनमें पॉलीप्रोपाइलीन, नायलॉन और पॉलीइथाईलीन टेरेपथालेट शामिल हैं। इन सभी का इस्तेमाल बोतल का ढक्कन बनाने में होता है। पूर्व में की गई एक अन्य शोध में कहा गया था कि नल का पानी बोतलबंद पानी से ज्यादा सुरक्षित है।
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