नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर सत्याग्रह प्रारंभ कर रहे हैं। वे 23 मार्च को दिल्ली में इसकी शुरूआत करेंगे। उन्होंने कहा है कि सत्याग्रह तब तक जारी रहेगा, जब तक शरीर में प्राण हैं। अन्ना ने लोकपाल, लोकायुक्त की नियक्तियों के अलावा किसानों से जुड़ी मांगें भी सरकार के सामने रखी हैं।
अन्ना हजारे ने मीडिया से चर्चा में कहा कि सत्याग्रह के खत्म होने की कोई समयसीमा तय नहीं की है। जब तक शरीर में प्राण रहेंगे, सत्याग्रह जारी रहेगा। अन्ना ने आरोप लगाया कि आवेदन देने के बाद भी सरकार ने सत्याग्रह के लिए अब तक जगह के लिए अनुमति नहीं दी है। यदि सरकार ने सत्याग्रह के लिए जगह नहीं दी तो वो जेल में ही सत्याग्रह करेंगे। अन्ना ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री और सरकार के कुछ मंत्रियों को 16 पत्र लिखे लेकिन सत्याग्रह के लिए स्थान नहीं दिया गया। चार दिन पहले उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। जिसमें उन्होंने कहा है कि सरकार जानबूझकर सत्याग्रह के लिए जगह नहीं दे रही है। अगर जगह नहीं दी गई तो तो वे जेल में भी सत्याग्रह के लिए तैयार हैं। अन्ना ने बताया कि लोकपाल, लोकायुक्त और किसानों के मुद्दे पर मोदी को 40 पत्र लिख चुके हैं लेकिन वे कोई जवाब नहीं देते। अन्ना ने मांग की है कि किसानों के लिए इलेक्शन कमीशन की तर्ज पर एग्रीकल्चर प्राइस कमीशन बनाया जाए ताकि किसानों को फसलों का उचित मूल्य मिल सके।