नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हजारे ने जन लोकपाल बिल के लिए अपनी लड़ाई आज से दोबारा शुरू कर दी। दिल्ली के रामलीला मैदान में उन्होंने अनशन शुरू किया। किसानों और लोकपाल के मुद्दे पर अण्णा के इस आंदोलन की शुरूआत के दौरान हजारों समर्थक मौजूद हैं।
आंदोलन शुरू करने से पहले अण्णा राजघाट गए और उन्होंने बापू को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वे रामलीला मैदान पहुंचे और तिरंगा लहरा कर आंदोलन शुरू किया। उन्होंने कहा कि बसों से रामलीला मैदान आने वाले हजारों समर्थकों को दिल्ली की सीमा पर पुलिस ने रोक लिया है। सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हजारे ने रामलीला मैदान पर केंद्र सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल शुरू की है। उन्होंने सात साल पहले यहीं भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन किया था जिसमें लाखों की संख्या में लोग शामिल हुए थे। उनके आंदोलन से तत्कालीन यूपीए सरकार भी प्रभावित हुई थी। इस बार भी उन्होंने रामलीला मैदान से ही केंद्र सरकार के खिलाफ बिगुल फूंका है। इस बार वे नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार पर निशाना साध रहे हैं। उनकी मांग है कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए और केंद्र सरकार में लोकपाल व राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति की जाए। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में किसानों और कृषि के संकट का समाधान दिया गया है।
अण्णा ने मीडिया से चर्चा करते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि भूख हड़ताल में कार्यकर्ता न पहुंच सकें, इसलिए ट्रेनें रद्द कर दी गई। इन ट्रेनों में प्रदशँनकारी दिल्ली आ रहे थे। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या आप कार्यकर्ताओं को हिंसा के लिए उकसाना चाहते हैं। मेरे लिए भी पुलिस लगाई गई। मैं कई पत्रों में लिख चुका हूं कि मुझे पुलिस सुरक्षा की जरूरत नहीं है। आपकी सुरक्षा मुझे नहीं बचा पाएगी। सरकार का यह धूर्त रवैया है काम नहीं करेगा।