नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में कैश (नकदी) का संकट होने से एटीएम खाली पड़े हैं। पिछले दो-तीन दिनों से यह स्थिति निर्मित हो रही है। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने इसे साजिश करार दिया है। उधर केंद्र सरकार ने कहा कि अधिक निकासी के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है। हालात जल्द ही सामान्य हो जाएंगे।
देश की कई बैंकों-एटीएम में नकदी की किल्लत के चलते लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। गुजरात में लोगों को एक बार फिर नोटबंदी जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। बैंकों ने नकदी निकालने की सीमा तय कर दी है, जबकि अधिकतर एटीएम में पैसा हीं नही है। एक बैंक अधिकारी ने बताया कि गुजरात समेत कई अन्य राज्यों में रिजर्व बैंक की ओर से नकदी का प्रवाह घट जाने के कारण यह स्थिति पैदा हुई है। उधर, बिहार में भी कुछ जगह बैंकों में नकदी की किल्लत सामने आ रही है। इस बीच मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा 2,000 के नोट दबाकर नकदी की कमी पैदा करने का षड्यंत्र किया जा रहा है। यह षड्यंत्र इसलिए किया जा रहा है ताकि दिक्कतें पैदा हों। आम जनता बेहद परेशान हो रही है और बड़ी बैंकों से लेकर छोटी बैंकों के एटीएम के बाहर नकद नहीं है के बोर्ड लगे हुए हैं। इसका कारण क्या है यह कोई बताने वाला नहीं है परंतु जिस तरह से यह संकट सामने आया है उससे फिर से नोटबंदी की याद ताजा हो गई है।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि असम, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश आदि राज्यों में लोगों के जरूरत से ज्यादा नकदी निकालने की वजह से यह संकट खड़ा हुआ है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा है- मैंने देश की कैश समस्या की समीक्षा की है। बाजार और बैंकों में पर्याप्त मात्रा में कैश मौजूद है। एकाएक जो समस्या सामने आई है वह इसलिए है क्योंकि कुछ जगहों पर अचानक कैश की मांग बढ़ी है। वित्त मंत्री जेटली से पहले वित्त राज्यमंत्री शिवप्रताप शुक्ला ने भी कहा था कि कैश की किल्लत दो-तीन दिनों में दूर हो जाएगी। देश में नकदी की कोई कमी नहीं है। शुक्ला ने कहा कि फिलहाल रिजर्व बैंक के पास 1,25,000 करोड़ रुपए की नकदी है। कुछ राज्यों में कम करंसी है तो कुछ में ज्यादा। सरकार ने राज्यवार समितियां बनाई हैं। रिजर्व बैंक ने भी अपनी एक समिति बनाई है ताकि एक राज्य से दूसरे राज्य तक नकदी तुरंत भेजी जा सके।