नई दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर के एक अध्ययन के अनुसार लगभग 4,350 साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता करीब 900 साल तक भीषण सूखे से ग्रस्त रही थी जिस वजह से स्थानीय लोग अपने बसेरों को छोड़कर भारत के दक्षिणी एवं पूर्वी क्षेत्रों की तरफ पलायन करने को विवश हुए थे।
सिंधु घाटी सभ्यता प्राचीन सभ्यताओं में सबसे ज्यादा भू भाग में फैली हुई थी। इसके तहत करीब 15 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र था जहां इस समय भारत, पाकिस्तान, बलूचिस्तान और अफगानिस्तान बसे हैं। सभ्यता में बेहद विकसित आधारभूत ढांचा, वास्तुकला, धातु विद्या मौजूद थी और विश्व की अन्य तत्कालीन सभ्यताओं के साथ उसके व्यापार एवं सांस्कृतिक संबंध थे। संस्थान के भूविज्ञान और भूभौतिकी विभाग के प्रोफेसर अनिल के. गुप्ता के नेतृत्व वाले एक दल ने अध्ययन में पाया कि 900 साल तक सूखे जैसी स्थिति होने से जलापूर्ति में कमी हो गई थी। ऐसा अल नीनो के असर से भारत में गर्मी का मानसून बेहद कमजोर होने के कारण हुआ था। आईआईटी खड़गपुर ने एक बयान में कहा कि इन सबके कारण कृषि उत्पादन पर असर पड़ा। गुप्ता के साथ वाडिया इंस्टीट्यूट आॅफ हिमालयन जियोलॉजी, देहरादून और इंस्टीट्यूट आॅफ ईस्टूरिन एंड कोस्टल रिसर्च, शंघाई, चीन के सदस्यों ने जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में स्थित सो मरोरी लेक में यह अध्ययन किया। अध्ययन बेहद प्रतिष्ठित विज्ञान पत्रिका क्वाटरनरी इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित किया जाएगा।