श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगने के बाद आतंकियों के खिलाफ रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। सुरक्षा एजेंसियों ने तय किया है कि अब आतंकियों को मारने के बाद उनकी लाशें परिवार वालों अथवा रिश्तेदारों को नहीं दी जाएंगी। सुरक्षा बल ही लाशों को दफना देंगे। परिजनों को इसकी जानकारी भी नहीं मिलेगी की लाशें कहां दफनाई गई हैं। शव सौंपने के बाद आतंकियों के समर्थक भारी भीड़ एकत्र कर जनाजा निकालते थे और नारेबाजी करते हुए कब्रिस्तान तक जाते थे। इसके वीडियो तैयार कर सोशल मीडिया पर प्रचारित किए जाते थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी के बाद आतंकियों के शव सीधे दफनाने का निर्णय लिया गया है। पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी वेद ने भी कहा था कि जनाजे में इकट्ठा होने वाली भीड़ को रोकने के लिए पुलिस रणनीति तैयार की जा रही है ताकि कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिशों को रोका जा सके।
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