बेटी ने अलग अंदाज में दी पिता को श्रद्धांजलि

हैदराबाद। कारगिल युद्ध में शहीद हुए पिता के पराक्रम की जानकारी लोगों तक पहुंचा कर 19 वर्षीय बेटी ने कुछ अलग ही अंदाज में पिता को श्रद्धांजलि अर्पित की है। शहीद मेजर पद्मपाणि आचार्य को भारत सरकार ने वीरता के दूसरे सर्वोच्च पुरस्कार महावीर चक्र से सम्मानित किया था। मेजर आचार्य सेकंड राजपूताना राइफल्स में थे और कारगिल की जंग में उन्होंने अपनी कंपनी का नेतृत्व किया था। वे 28 जून 1999 को युद्ध लड़ते हुए शहीद हो गए थे। उस समय उनकी बेटी मां के गर्भ में ही थी। शहादत के तीन महीने बाद उसका जन्म हुआ था। मां ने उसका नाम रखा- अपराजिता। उम्र के 19 वर्ष पूर्ण होने पर अराजिता ने अपने पिता के पराक्रम के संबंध में पुस्तक लिखी है। जिसमें पिता द्वारा घर पर भेजे गए पत्रों, तस्वीरों के साथ ही उनकी जिंदगी से संबंधित और युद्ध के दौरान पराक्रम की जानकारियां शामिल हैं। पुस्तक के विमोचन के अवसर पर तेलंगाना सब एरिया के जनरल आॅफिसर कमांडिंग मेजर जनरल एन. श्रीनिवास राव भी मौजूद थे।