नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद जारी किए गए 2000 और 500 रुपए के नए नोटों को देश के विभिन्न स्थानों पर पहुंचाने के लिए भारतीय वायुसेना के विमानों का उपयोग किया गया था। वायुसेना ने विमानों के किराए का करीब साढ़े 29 करोड़ का बिल भारत सरकार को भेजा है।
सेवानिवृत्त कोमोडोर लोकेश बत्रा की आरटीआई के जवाब में वायु सेना ने जानकारी दी है कि सरकारी स्वामित्व वाले सिक्युरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरशन आॅफ इंडिया और भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड को वायुसेना ने अपने विमानों की सेवाएं दी थीं। सरकार के आदेश पर वायुसेना के विमानों के माध्यम से 500 और 2000 रुपए के नए नोट देश के विभिन्न स्थानों तक पहुंचाए गए थे। इन सेवाओं के बदले में 29.41 करोड़ रुपए का बिल सौंपा है। सेवानिवृत्त कोमोडोर लोकेश बत्रा का कहना है कि मेरी राय है कि सरकार को रक्षा परिसंपत्ति के इस्तेमाल से बचना चाहिए था। असैन्य परिवहन विमानों की सेवाएं ली जा सकती थीं। सरकार ने नोटबंदी से पहले खुद को पूरी तरह तैयार किया होता तो इस तरह की स्थिति से बचा जा सकता था। नोटबंदी के बाद सरकार ने नए नोटों की छपाई पर 7 हजार 965 करोड़ रुपए खर्च किए थे। वायु सेना के अत्याधुनिक परिवहन विमान-सी-17 और सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस विमानों का उपयोग सरकार ने किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 के पुराने नोटों को प्रचलन से बाहर कर दिया था। प्रधानमंत्री की इस घोषणा से बाजारों में मौजूद 86 प्रतिशत नोटों का प्रचलन बंद हो गया था। इसकी भरपाई के लिए ताबड़तोब 2000 और 500 रुपए के नए नोट देश के विभिन्न स्थानों पर स्थित सरकारी प्रिंटिंग प्रेस में छापे गए थे।