भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू

पुरी। ओडिशा के पुरी में आज से सालाना रथ यात्रा महोत्सव प्रारंभ हुआ। भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को जगन्नाथपुरी से शुरू होती है। भव्य यात्रा में देश के विभिन्न हिस्सों से लाखों लोग शामिल हो रहे हैं।
रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा जगन्नाथ मंदिर से रथ में बैठकर गुंडिचा मंदिर रवाना हुए हैं। तीन विशाल रथों को सैंकड़ों लोग खींचते हुए यात्रा में शामिल हो रहे हैं। सबसे पहले बलभद्र का रथ, उसके बाद बहन सुभद्रा और आखिरी में भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचा जाता है। नगर भ्रमण करते हुए शाम को तीनों रथ गुंडिचा मंदिर पहुंचेंगें। रविवार को भगवान रथ से उतर कर मंदिर में प्रवेश करेंगे और सात दिन वहीं रहेंगे।
गुंडिचा मंदिर को भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर माना जाता है। रथ यात्रा के दौरान साल में एक बार भगवान जगन्नाथ अपने भाई-बहनों के साथ मौसी के घर एक सप्ताह तक ठहरते हैं। जहां उन्हें कई प्रकार के पकवानों और फलों का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि पकवानों को खाकर भगवान बीमार हो जाते हैं। फिर उन्हें पथ्य का भोग लगाया जाता है और वे जल्दी ठीक हो जाते हैं। गुंडिचा मंदिर में इन नौ दिनों में भगवान जगन्नाथ के दर्शन को आड़प-दर्शन कहा जाता है। नौ दिनों के बाद भगवान जगन्नाथ अपने घर यानी कि जगन्नाथ मंदिर वापस चले जाते हैं।
अहमदाबाद में भी रथ यात्रा
अहमदाबाद में भी नौ दिवसीय जगन्नाथ यात्रा उत्सव आज से शुरू हुआ। सुबह की आरती में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह व अन्य नेतागण शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वार्षिक जगन्नाथ रथयात्रा के शुभ अवसर पर ट्वीटर के जरिए बधाई देते हुए कहा- भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से हमारा देश तरक्की की नई ऊंचाई पर पहुंचे। सभी भारतीय सुखी और समृद्ध हों। रथयात्रा भगवान जगन्नाथ के मुख्य मंदिर से सरसपुर के रणछोड़दास मंदिर तक जाएगी। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ यहां करीब दो घंटे रुकेंगे। सरसपुर के रणछोड़दास मंदिर को भगवान जगन्नाथ का ननिहाल कहा जाता है।